आज देश के सभी जिलों और गांवों में यहाँ तक कि देश के राजधानी दिल्ली में भी ऐसी ही दर्दनाक अवस्था है इंसान कि | पूरे देश और इंसानियत के लिए शर्मनाक है ऐसी अवस्था | |
तिरंगा अब भ्रष्टाचार और उच्च संबैधानिक पदों पर बैठे निकम्मे लोगों क़ी वजह से खून के आंसू रो रहा है | पूरा गणतंत्र खतरे में है तथा पूरी व्यवस्था सड़ चुकी है | |
हमारे देश और समाज कि अवस्था बेहद दर्दनाक व भयानक होती जा रही है | सामाजिक परिवेश इस तरह दूषित हो चुका है कि ह़र कोई विश्वास का गला घोंटकर अपना स्वार्थ साधने को अपनी काबिलियत व योग्यता समझने लगा है | लानत है ऐसे काबिल और योग्य लोगों पर जो इंसानियत का क,ख,ग भी नहीं जानते | सबसे बड़े मुर्ख है वे लोग जो बन तो गए हैं IAS ,IPS ,IRS ,इंजिनियर,डॉक्टर,प्राचार्य,मंत्री विधायक और भी ना जाने कौन-कौन सी उच्च पदों पर बैठ गये हैं लेकिन उनमे मानवता और इंसानियत नहीं होने से ऐसे लोग ना सिर्फ इन सामाजिक व मानवीय कल्याण के पदों को बदनाम कर रहें है बल्कि इनके कुकर्मों से नित्य इंसानियत शर्मसार होती है | ऐसी अवस्था पूरे मनुष्य जाती के लिए बेहद खतरनाक है |
इन सारी बातों को देखते हुए आज जरूरत है हर शहर में इंसानियत के पाठशाला और संस्थानों कि जो सच्ची इंसानियत कि पाठ पढ़ाने का दुष्कर कार्य को अंजाम दे सके ,क्या आप खोलना चाहते हैं ऐसी पाठशाला व संस्थान ..?
मैंने तो सोच लिया है ऐसा एक पाठशाला या संस्थान चलाने कि इसमें हमें सरकारी सहायता कि आशा तो नहीं है लेकिन सच्चे और इमानदार इन्सान के हार्दिक सहयोग कि मुझे पूरी आशा है |
इस पाठशाला या संस्थान में क्या-क्या मिलेगा और उसके आर्थिक आधार क्या होंगे तथा यह कैसे काम करेगा .....
इस पाठशाला या संस्थान के कार्य ....
1 -सबसे पहले देश के हर जिले के DM और SP से मिलकर उनको इंसानियत के लिए ईमानदारी से काम करने को प्रेरित करेगा और उनको समझायेगा कि आप जो ये भ्रष्टाचार के जरिये दौलत जमा कर रहें है उसके बाद भी अगर आपका बच्चा एक इन्सान नहीं बन पाया तो वह आपके और समाज के साथ क्या-क्या करेगा उसकी आपने कल्पना कि है ? ऐसे ही कुछ प्रश्नों के सवाल जवाब से इन दोनों ,देश व समाज के विकाश के अति महत्वपूर्ण पदों पर बैठे व्यक्तियों को सच्चा इन्सान बनाने व इंसानियत को जिन्दा करने के लिए आगे आने को प्रेरित करने का प्रयास करेगा | अगर इस काम में 25% भी सफलता हाथ लगी तो यकीन मानिये इस देश व समाज का बहुत भला होगा | जन-जन को यह भी महसूस कराने कि जरूरत है कि अब अंग्रेजों का शासन नहीं है इसलिए DM और SP को अपना सेवक समझ कर उसे सेवा करने में इमानदारी बरतने का एकजुट होकर आदेश दें और उनके कार्यों कि निगरानी भी करें |
2 - हर शहर व गांवों में इंसानियत के पाठशाला व संस्थान के माध्यम से सभा का आयोजन कर लोगों को यह सिखाने कि कोशिस कि जाएगी कि अगर आपको किसी ने लूटा और ठगा है या रिश्वत ली है तो आप उसकी भरपाई किसी को लूटकर,ठगकर या भ्रष्टाचार को अपनाकर नहीं बल्कि उस लूटेरे ,ठग व भ्रष्टाचारियों को अपनी जान कि बाजी लगाकर पकड़ें और उसे सामाजिक व न्यायिक सजा दें या दिलाने के लिए एकजुट हों | इस काम के लिए लोगों को समझाना होगा कि इस काम में अगर आपकी जान चली जाती है तो आपको शहीद का दर्जा देकर आपके पैत्रिक गांव में आपकी एक मूर्ति कि स्थापना कि जाएगी | ऐसा करने से लोगों में बुराई के खिलाप लड़ने के जज्बों को ना सिर्फ सम्मान मिलेगा बल्कि उसमे अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होगी | बिना निडरता के कोई भी अच्छा व सच्चा काम किया ही नहीं जा सकता | कास इस तरह का काम सरकार या सरकारी एजेंसियां ईमानदारी से 62 वर्षों से करती तो इस देश व समाज को पूरे विश्व में आदर्श माना जाता |
आज लोगों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि किसी को ठगकर ,भ्रष्टाचार को अपनाकर,किसी इंसानियत को शर्मसार करने वाले धंधे को करके या किसी के साथ विश्वासघात करके जीना तो मरने से भी बदतर है | इंसानियत को जिन्दा करके तथा उसकी सुरक्षा करके ही हमसब सुरक्षित रह सकते हैं |
आज लोगों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि किसी को ठगकर ,भ्रष्टाचार को अपनाकर,किसी इंसानियत को शर्मसार करने वाले धंधे को करके या किसी के साथ विश्वासघात करके जीना तो मरने से भी बदतर है | इंसानियत को जिन्दा करके तथा उसकी सुरक्षा करके ही हमसब सुरक्षित रह सकते हैं |
3 -देश के सभी महाविद्यालयों में जाकर छात्र और छात्राओं को इसके लिए प्रेरित करना कि आप इस देश,समाज और इंसानियत के भविष्य हैं इसलिए आप निडर होकर सबसे पहले इस देश और इस देश के गरीबों का खून चूसने वाले भ्रष्ट लोगों के खिलाप लड़ाई को एकजुट होकर प्रतिदिन कम से कम तिन घंटे जरूर दें यह लड़ाई एकजुट होकर RTI दायर करना ,प्रशासन को कार्य कि गुणवत्ता को बनाये रखने में जमीनी स्तर पे सहयोग व सुझाव देना,प्रशासन को जनकल्याणकारी योजनाओं को असल जरूरतमंद लोगों तक बिना किसी रिश्वत के पहुँचाने के लिए बाध्य करना ,जिले के न्यायिक अधिकारियों को जिले में फैले भ्रष्टाचार व अनियमितता को जनहित में अवगत कराकर उसपर दोषियों के खिलाप न्यायसंगत व तर्कसंगत कार्यवाही का आग्रह करना इत्यादि के साथ हर आम और खास को अपनी नागरिक जिम्मेवारियों को निभाने तथा सामाजिक जाँच कर व्यवस्था को सही करने के लिए शिकायत व सुझाव प्रतिदिन लिखने व उसपर प्रशासन कि कार्यवाही का जवाब भी हर हाल में मांगने के लिए सुरक्षा व सहायता चक्र बनाना जिससे ऐसा करते हुए कोई असहाय और असुरक्षित ना महसूस करें | असल में शिक्षा का मूल उद्देश्य यही होना चाहिए इससे अच्छे चरित्र का भी निर्माण होगा |
4 - घर-घर जाकर लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करना और समझाने का प्रयास करना कि लोभ-लालच सारी बुराइयों का मूल है इसलिए अपनी जरूरत से ज्यादा धन को जमा करना अपने सात पुश्तों के लिए सुख नहीं बल्कि दुखों को जमा करने के सामान है | क्योंकि ज्यादा धन बिना बेईमानी व इनसानियत को धोखा दिए कमाया नहीं जा सकता और धोखे से कमाए गये धन से पल बढ़ रहे बच्चों में सदबुद्धि आ ही नहीं सकती और कुबुद्धि तो इन्सान के स्वयं का सर्वनाश कर देता है तो सात पुश्तों कि खुशियों कि उम्मीद करना मुर्खता है | इसलिए हर व्यक्ति को अपनी जरूरत से ज्यादा धन को गरीबों व असल जरूरतमंदों में बाँट देना चाहिए ऐसा करके ही हम इस देश और समाज को इंसानों के रहने लायक बना सकतें है तथा अपने सात पुश्तों के लिए सुख और खुशियों के संसार का निर्माण कर सकतें हैं |
इन पाठशाला या संस्थानों के आर्थिक आधार के लिए सरकारी धन को लूटने वालों से सरकार को जो धन वापिस मिलेगा इन पाठशाला या संस्थानों के कार्यों व प्रयासों के चलते उसका कुछ हिस्सा हम सरकार से मांगने का प्रयास करेंगे | वैसे ह़र गांव व शहर के लोग चाहें तो एकजुट होकर इसके लिए आर्थिक आधार बना सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से उनके द्वारा रिश्वत व दौर-भाग पे जो खर्च आता है वो बचेगा तथा नागरिक सुविधाओं में सुधार होने से भी उनका पैसा बचेगा जिसका कुछ हिस्सा अगर सबलोग स्वेच्क्षा से देने को ह़र महीने तैयार हों तो ह़र गांव और शहर में ऐसे पाठशाला या संस्थान को खोलकर इंसानियत क़ी पाठ को पढ़ाने क़ी शुरुआत क़ी जा सकती है | सिर्फ जरूरत है ह़र गांव और शहर में एक इमानदार व्यक्ति द्वारा पहल करने क़ी ,आप अगर चाहेंगे तो हम आपकी सहायता के लिए आपके गांव और शहर अपने खर्चे पे आकर आपको सहायता भी देंगे और आपके जिले के DM और SP से भी आपके इस नेक काम में सहयोग का आग्रह भी करेंगे | हम देश भर में अच्छा और सच्चा काम कर रहे लोगों को सम्मानित करने के लिए आधे घंटे के एक टीवी प्रोग्राम बनाने पर भी विचार कर रहें हैं |
(नोट-उपर्युक्त सभी कार्टून और फोटो गूगल और CARTOONSTOCK.COM से जनहित में साभार प्रकाशित है ,किसी को ऐतराज हो तो हटा दिया जायेगा)
इन पाठशाला या संस्थानों के आर्थिक आधार के लिए सरकारी धन को लूटने वालों से सरकार को जो धन वापिस मिलेगा इन पाठशाला या संस्थानों के कार्यों व प्रयासों के चलते उसका कुछ हिस्सा हम सरकार से मांगने का प्रयास करेंगे | वैसे ह़र गांव व शहर के लोग चाहें तो एकजुट होकर इसके लिए आर्थिक आधार बना सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से उनके द्वारा रिश्वत व दौर-भाग पे जो खर्च आता है वो बचेगा तथा नागरिक सुविधाओं में सुधार होने से भी उनका पैसा बचेगा जिसका कुछ हिस्सा अगर सबलोग स्वेच्क्षा से देने को ह़र महीने तैयार हों तो ह़र गांव और शहर में ऐसे पाठशाला या संस्थान को खोलकर इंसानियत क़ी पाठ को पढ़ाने क़ी शुरुआत क़ी जा सकती है | सिर्फ जरूरत है ह़र गांव और शहर में एक इमानदार व्यक्ति द्वारा पहल करने क़ी ,आप अगर चाहेंगे तो हम आपकी सहायता के लिए आपके गांव और शहर अपने खर्चे पे आकर आपको सहायता भी देंगे और आपके जिले के DM और SP से भी आपके इस नेक काम में सहयोग का आग्रह भी करेंगे | हम देश भर में अच्छा और सच्चा काम कर रहे लोगों को सम्मानित करने के लिए आधे घंटे के एक टीवी प्रोग्राम बनाने पर भी विचार कर रहें हैं |
(नोट-उपर्युक्त सभी कार्टून और फोटो गूगल और CARTOONSTOCK.COM से जनहित में साभार प्रकाशित है ,किसी को ऐतराज हो तो हटा दिया जायेगा)