पूर्व कानून मंत्री श्री शांति भूषन जी ने आरोप लगाया है क़ी सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व सोलह मुख्य न्यायाधीश में से आठ न्यायाधीश भ्रष्ट है ,उन्होंने छह को पूरी तरह इमानदार बताया जबकि दो के बारे में कोई टिप्पणी नहीं क़ी | यहाँ यह भी जग जाहिर है क़ी श्री शांति भूषन जी के पुत्र श्री प्रशांत भूषन जो क़ी एक इमानदार वकील हैं ,उनपर कोर्ट को भ्रष्ट कहने का मामला चल रहा है |
शांति भूषन जी ने जिन सोलह पूर्व जजों का नाम लिया है उनके नाम हैं ---
1जस्टिस रंगनाथ मिश्र
2जस्टिस एम.एच .कैना
3जस्टिस के.एन.सिंह
4 जस्टिस एल.एम.शर्मा
5 जस्टिस एम .एन . वेंकटचेलैया
6 जस्टिस ए.एम. अहमदी
7जस्टिस जे.एस.वर्मा
8जस्टिस एम.एम.पूंछी
9जस्टिस ऐ.एस . आनंद
10 जस्टिस एस.पी.भरुचा
11जस्टिस बी.एन.किरपाल
12जस्टिस जी .बी.पाठक
13जस्टिस राजेंद्र बाबु
14जस्टिस आर .सी .लाहोटी
15 जस्टिस वी .एन .खरे
16जस्टिस वाय.के .सभरवाल
आठ भ्रष्ट जजों के नाम उन्होंने सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौपा .....
अब सवाल उठता है की ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेवार कौन है ..? हमारे ख्याल से भ्रष्ट सरकार भ्रष्ट न्यायपालिका का कारण बनती है | इमानदार जज भी जब कानून की व्याख्या इंसानियत और न्यायसंगत आधार पर करे और उसे प्रधानमंत्री की ये नसीहत सुनने को मिले की सरकार के नीतिगत मामलों में दखल ना दे सर्वोच्च न्यायालय ... तब ऐसे हालात में कोई जज क्या करेगा जब खुद सरकार भी उसकी न्याय को मानने से मना कर दे | ऐसे में सरकार का निकम्मापन तो झलकता ही है साथ-साथ देश में न्यायिक संवेदनहीनता भी दिखती है |
अब वक्त आ गया है जब इमानदार न्यायिक अधिकारियों और जजों को भ्रष्ट मंत्रियों और पूंजीपतियों के दवाब में आये बिना सरकार के हर गलत कार्यों की ईमानदारी से आलोचना कर उसे सुधारने का आदेश भी दे तथा ज्यादा से ज्यादा PIL की सुनवाई कर भ्रष्ट जजों को भी कठोर सजा दे | इसके साथ ही जजों को अपनी हर संपत्ति की जानकारी जनता के लिए हमेशा सुलभ बनाने के साथ-साथ आम नागरिकों के बीच जाकर उनके विचार और सुझाव भी न्याय के बारे में जाने और उनको न्याय मिलने में आने वाली असल दिक्कतों को जानकर उसे दूर करने का प्रयास करें जिससे इस देश के आम नागरिकों के बीच न्याय व्यवस्था के प्रति सम्मान बना रहे | इसके साथ की भ्रष्ट मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की सख्ती और गंभीरता से जाँच कर दोषियों को सख्त सजा दे | फ़िलहाल जिन जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगतें है उसकी भी गंभीरता से जाँच हों सजा भी गंभीरता से तय हो बिना बिलम्ब के |
आप सब ब्लोगरों से भी आग्रह है की आप लोग भी अपनी राय इस दर्दनाक अवस्था पे व्यक्त करें ...
मेरे पतिदेव का एक शेर है-
ReplyDeleteवहीं कानून की होती है इज्जत
जहां इंसाफ कोडे पालता है
और ये इंसाफ का कोडा सब पर समान रूप से चले, चाहे राजा हो या जज
कोर्ट के जजों को इससे सबक लेनी चाहिए.
ReplyDeleteभारत मै सभी को अपनी संपत्ति की जानकारी सरकार को बतानी चाहिये वो चाहे नेता हो या आम नागरिक, फ़िर पता चले की यह जल्दी अमीर बनाने वाले एक ही रात मै अमीर केसे बनते है, ओर जेबकतरे नेता बनते ही करोड पति केसे बन जाते है, यानि सब की ओकात सब को पता हो,
ReplyDelete
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
झा जी, बहुत सोच लिया, लिख लिया, पढ़ लिया, अब तो करने का वक़्त आ गया है, अब भी नहीं जागे तो सोते ही रह जाएँगे.
ReplyDeleteआप "खबरों की दुनियाँ" में आए , स्वागत है । टिप्प्णी की ,आपका आभार । कब और कहाँ से होगी शुरुवात सुधार की समझ नहीं आता ।
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
ReplyDeleteमशीन अनुवाद का विस्तार!, “राजभाषा हिन्दी” पर रेखा श्रीवास्तव की प्रस्तुति, पधारें
देखते हैं अब कोर्ट क्या कदम उठाती है.. सरकार तो बेकार है अब कोर्ट भी..
ReplyDeleteअलका जी की बात से सहमत हूँ जी
ReplyDeleteआप कलम के सच्चे सिपाही हैं. हमारीवाणी हिंदी के प्रचार-प्रासार में प्रयासरत है, आपसे सहयोग की आशा है.
ReplyDeleteहमारीवाणी को और भी अधिक सुविधाजनक और सुचारू बनाने के लिए प्रोग्रामिंग कार्य चल रहा है, जिस कारण आपको कुछ असुविधा हो सकती है। जैसे ही प्रोग्रामिंग कार्य पूरा होगा आपको हमारीवाणी की और से हिंदी और हिंदी ब्लॉगर के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओँ और भारतीय ब्लागर के लिए ढेरों रोचक सुविधाएँ और ब्लॉग्गिंग को प्रोत्साहन के लिए प्रोग्राम नज़र आएँगे। अगर आपको हमारीवाणी.कॉम को प्रयोग करने में असुविधा हो रही हो अथवा आपका कोई सुझाव हो तो आप "हमसे संपर्क करें" पर चटका (click) लगा कर हमसे संपर्क कर सकते हैं।
टीम हमारीवाणी
आज की पोस्ट-
हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि
नमस्कार,
ReplyDeleteजन्मदिन की शुभकामनायें हम तक प्रेम, स्नेह में लिपट पर पहुँचीं.
मित्रों की शुभकामनायें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देतीं हैं.
आभार
आपने बहुत अच्छा सवाल उठाया है
ReplyDeleteऔर आपकी बात में दम भी है.
मैं आपकी बातों का समर्थन करता हूँ .
प्रशांत भूषण के बारे में भी आपको कुछ
बताना चाहता हूँ .
ये महोदय बाटला हाउस काण्ड के
आरोपियों को निर्दोष बताते हैं.
ये ऐसा क्यों करते हैं , मुझे नहीं मालुम .
क्योंकि मेरी नज़रों में बाटला के आरोपी
आतंकवादी हैं.
वैसे आपकी ये पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी .
आभार .
शांतिभूषण जी इतने साल से लिफाफा रख के कहाँ घूम रहे थे । उनके पुत्र अब कष्ट में लगते हैं और नक्सलियों के समर्थक हैं
ReplyDeleteकृपया यहाँ पढ़ें
ReplyDeleteवो कहते नहीं तो क्या हुआ......