आज मैं इस बात पर चर्चा करने जा रहा हूँ कि ,हमारे देश और समाज कि इस दर्दनाक अवस्था के लिए कौन सा तत्व जिम्मेवार है ?
मैंने जब गंभीरता से आज कि परिस्थितियों में लोगों के अन्याय के खिलाप आवाज को यथा संभव ताकत प्रदान करने और अपने अनुभवों तथा अपने शुभ चिंतकों से विचार विमर्श के आधार पर इस सवाल का हल ढूंढा तो पाया कि ,लोगों के अन्दर जो मृत्यु और झूठे अपमान का डर है ,यही इस देश और समाज को नरक कि ओर ले जाने वालों को ताकत प्रदान कर रहा है /
लोग अपने जान कि परवाह किये वगैर जिस दिन अन्याय,भ्रष्टाचार और इस देश को सत्ता कि उचाईयों पर बैठकर इस देश व समाज को लूटने और गरीबों कि रोटी खाने वालों के खिलाप लड़ने लगेंगे ,उस दिन से इस देश और समाज का काया पलटना शुरू हो जायेगा और ये सारे गिदर टायप लूटेरे दुम दबाकर भाग खड़े होंगे /
इसलिए मैंने तो मार दिया है इस डर को और आपसे भी आग्रह कर रहा हूँ कि "मार डालो इस डर को नहीं तो ,ये मार डालेगा आपको "-------
बहुत ही उचित आह्वान है आपका!
ReplyDeleteआपका चिन्तन सही दिशा प्रदान कर रहा है। भारत में भ्रSःटाचार के विरुद्ध आन्दोलन हो; इसका सर्वनाश हो; तभी भारत का कल्याण हो सकेगा।
ReplyDeleteउस दिन से इस देश और समाज का काया पलटना शुरू हो जायेगा और ये सारे गिदर टायप लूटेरे दुम दबाकर भाग खड़े होंगे /
ReplyDeleteKaash ki wo din bahut jaldee aaye !
जी हमने तो शुरुवात कर दिया है.
ReplyDeletebhut khub
ReplyDeleteसच कहा आपने।
ReplyDelete--------
पड़ोसी की गई क्या?
गूगल आपका एकाउंट डिसेबल कर दे तो आप क्या करोगे?
बहुत सुंदर ओर सटीक बात कही आप ने, आवाज ऊठाओ, ओर मिल कर लडो इन सब से.... फ़िर देखो केसे यह डरते है हम से
ReplyDeletemain aapke is avahan me aapke sath hun...
ReplyDeleteमातृ दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से देश की सभी माताओं को सादर प्रणाम |
ReplyDeleteआपका बात सोरहो आने सच है... बाकी सबसे बड़ा मोस्किल है इसको अपनाने में... एगो ऑफिस में काम करने वाला किरानी बहुत अन्याय सहता है, डर कर रहता है... काहे कि उसको सब गुन रहने के बादो पर्मोसन नहीं मिल सकता, काहे कि ऊ डरता नहीं है.. उसके पीछे परिवार, माँ बाप का बोझ सब है.. का करेगा बेचारा. अऊर सामंती भाव हर ऑफिस के साहेब में होता है.. चाप्लूसी किजिए त तरक्की, अ अन्याय के खिलाफ आवाज उठाए त गए..
ReplyDelete