आज देश में लाखों संगठन हैं, जो वजूद में हैं ,जिनमे से कुछ संगठन ही हैं जो जनसहयोग से जमीनी स्तर पर सही मायने में सार्थक काम कर रही है / ज्यादातर संगठन ऐसे भी हैं जो सिर्फ NGO के सरकारी फंड और सामाजिक विकाश के योजनाओं में सरकारी भ्रष्ट व्यवस्था के लिए पैसों कि बन्दर बाँट में सिर्फ और सिर्फ दलाली के अलावा कुछ भी नहीं कर रही है और ऐसे संगठनों ने अच्छे संगठनों के साख में भी बट्टा लगाकर उसके तीब्र विकाश में बाधा खरा करने का काम किया है /
दरअसल किसी भी संगठन के सफलता के लिए उसका पारदर्शी,जनहित से जुड़ाव,लक्ष्यों के प्रति कठोरता,कार्यकर्ताओं कि समुचित सुरक्षा और इमानदार जनसहयोग आधारित आर्थिक आधार बहुत जरूरी है /
आज सारी समस्याओं के मूल में पारदर्शिता का अभाव,निगरानी व्यवस्था का नाश और इन्सान के जमीर का खत्म हो जाना मुख्य है / आज भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है उसकी वजह है कि मंत्रियों और अधिकारियों को पता है कि कोई पूछने वाला नहीं आ रहा है /
आज समाज में किसी भी सत्य,न्याय और इंसानियत के समर्थन में उठे आवाज को तुरंत कुचल दिया जाता है या सामाजिक आतंक जिनका सम्बन्ध भ्रष्ट व्यवस्था से है ,के द्वारा अपने कुतर्क और तिकरम से सही व्यक्ति को ही गलत साबित कर दिया जाता है और सारा समाज आतंक कि वजह से एक शब्द भी नहीं बोल पाता है / हमारी न्याय व्यवस्था पर इस तरह का प्रभाव डालने वाला कोई भी संगठन नहीं है जो सत्य कि रक्षा हर हाल में हो ,चाहे उसके लिए वादी और प्रतिवादी दोनों का ही ब्रेनमेपिंग व लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों न करवाना परे ,के लिए न्याय व्यवस्था को मजबूर कर सके / जरा सोचिये आप सच बोल रहें हों और तिकरम तथा आतंक कि वजह से उसे गलत साबित कर दिया जाय तो क्या दुबारा आप ऐसा सत्य बोलने का जोखिम उठाएंगे ? आज समाज और देश में हर जगह यही हो रहा है और मानवता कराह रही है /
संगठन बन रहें हैं लेकिन इसलिए कि सभी सदस्यों को महानगर में बड़ा बंगला ,बड़ी कार और अय्यासी का साधन मिले और सत्ता के भ्रष्टाचार कि गंगा में डुबकी लगाया जाय / ऐसे संगठन समाज और देश के लिए घातक हैं /
हाँ हर व्यक्ति का इतना स्वार्थ तो होना चाहिए कि किसी भी ईमानदारी भरे कार्य को कर वह अपना,अपने दो बच्चों का सात्विक भोजन से पेट भर सके और अपनी मूल भूत जरूरतें पूरी कर सकें / हमारे देश में समाज को सार्थक बदलाव और सही दिशा देने वाला दो ही पद है और वह है IAS और IPS सिर्फ ये अगर इमानदार हो जायें या इनसे अगर हम ईमानदारी से काम किसी भी तरह करा सकें तो इस देश के भ्रष्ट मंत्री भी असहाय हो जायेंगे / लेकिन इस देश का दुर्भाग्य है कि जनता के पैसों से मोटी तनख्वाह पाने के बाबजूद ये जनता को लूटने का ही काम कर रहें हैं / आज इनके द्वारा किये गए गलत कार्यों का कोई भी संगठन ईमानदारी से जाँच कर इनके ऊपर न्यायिक कार्यवाही हो तथा इनको सजा मिले इसके लिए ठोस प्रयास नहीं कर रही है ,जिसकी वजह से समाज में इंसानियत मरती जा रही है /
हमारा मानना है कि इमानदार पत्रकारों को आर्थिक सहायता नहीं मिलने कि वजह से मिडिया मर चुकी है या भ्रष्टाचार के तलवे चाट रही है / ऐसे में अगर हमसब ब्लॉग को एक सशक्त मिडिया,समाज में जागरूकता और हर सच्चे,अच्छे,इमानदार इन्सान को देश व्यापी सुरक्षा प्रदान करने वाले साधन के रूप में इस्तेमाल करें तो सबसे बेहतर होगा और प्रभावी भी / इसके लिए हमलोगों को राष्ट्रिय स्तर पर एक संगठन बनाना चाहिए और उसे आपस में ही नहीं हर किसी के लिए पारदर्शी भी बनाना चाहिए / रही इसके लिए आर्थिक आधार कि बात तो शुरुआत हम सब आपसी स्वेक्षिक सहयोग से कर सकते हैं / उसके बाद अगर हमें किसी अच्छे उद्देश्य के लिए पूरे देश के नागरिकों को जोड़कर उनसे कुछ मांगना भी परता है तो हमें शर्म नहीं करनी चाहिए / हमें किसी भ्रष्ट मंत्री ,पार्टी या भ्रष्टाचार में सहयोग देकर आर्थिक आधार बनाने में शर्म महसूस करना चाहिए / ऐसा करने से तो अच्छा रहेगा हम पूरे देश से एक बार दस रूपये का भीख मांग लें ,अगर नेक उद्देश्यों के लिए हमें पच्चीस करोड़ लोग भी दस रुपया दे देंगे तो तो हमारा ईमानदारी भरा आर्थिक आधार बन जायेगा और हम ईमानदारी व निडरता के साथ देश ,समाज और इंसानियत कि सेवा कर पाएंगे / हमारे ख्याल में ऐसा करने से ब्लोगरों के संगठन को देश के हर गाँव तक पहुँचाया जा सकेगा और लोग इस संगठन से हार्दिक रूप से जुरेंगे / यह हमारा विचार है वैसे इस पे बहस और आप सब के सार्थक राय से ही अमल या परिवर्तन किया जायेगा / कोई महानुभाव अगर हमें इस बारे में सुझाव देना चाहते हैं तो हमें फोन कर सकते हैं -09810752301पर या इ.मेल-honstyprojectdemocracy@gmail.com पर कर सकतें हैं / आप सबका स्वागत है एक नेक काम के एकजुटता के लिए / हम आपके विचारों और सुझावों के लिए आपका सदा ऋणी रहेंगे /
अच्छा विचार है।
ReplyDeleteबिलकुल सही लिखा है जय कुमार जी, आज देश को ज़रूरत है कि यहाँ की जनता जागरूक बने और कोई ऐसा जनांदोलन खड़ा हो.
ReplyDeleteसार्थक चिन्तन!
ReplyDeleteसमीर जी आपका विचार और सुझाव हम विस्तार से जानना चाहेंगे / कृपा करें अपना विचार और सुझाव विस्तार से बताने का / आप चाहें तो हमें इ.मेल कर दें / साथ ही हर अच्छी सोच रखने वाले ब्लोगर से मेरा आग्रह है की आप पोस्ट पर टिपण्णी करें या न करें लेकिन इस विषय के पक्ष ,विपक्ष में अपने तर्कसंगत विचारों से हमें जरूर अवगत कराएँ ,आप इसके लिए सोच विचार भी करें क्योकि यह जनहित में है और इसका प्रभावी व पारदर्शी होना बहुत जरूरी है /
ReplyDeletejay ho jay kumar ji
ReplyDeleteachchhi bat kahi
पूरी तरह से सहमत हूँ..
ReplyDeleteजय कुमार जी, आपने बहुत अच्छे विचार प्रस्तुत किये हैं! किन्तु कुछ भी सार्थक करने के लिये पहले हमें अपनी आत्ममुग्धता को त्यागना होगा।
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा सुझाव दिया है आपने अवधिया जी ,सभी ब्लोगरों को इस दिशा में सच्चे मन से आगे आकर आत्ममुग्धता और अपने अहंकार को त्याग कर जनहित व इंसानियत के लिए सोचना प्रारंभ कर देना चाहिए औए एकजुट हो उसे प्रभावी तौर पूरे देश में लागु करने का भी प्रयास करने चाहिए /
ReplyDeleteजय कुमार जी, सम्मलेन में मेरी उपस्थिति की प्राथमिकता यही थी की इस तरह के किसी भागीरथ प्रयास को शुरू किया जा सके.
ReplyDeleteकार्य विस्तार हेतु वार्ता जारी रखते हैं.
ब्लॉग को संघठनात्मक स्वरुप में ढालने का विचार बुरा नहीं है ! मगर मैं इसमें एक बात जोड़ना चाहूँगा कि ब्लॉग्गिंग करने वाला इंसान मेरे हिसाब से इतना तो सक्षम है कि वह अपने परिवार का दो वक्त का भरण पोषण ठीक से कर पाता होगा ! इसलिए इस माध्यम से जीविका अर्जित करना भले ही हर इंसान का उद्देश्य हो लेकिन वह उद्देश्य प्रमुख नहीं गौण है ! मुख्य जो इस संघठन का उद्देश्य हो वह यह कि आगे चलकर ब्लॉग्गिंग से उत्पन्न होने वाले पेचीदे कानूनी विवादों में यह संघटन ब्लोगर की कानूनी मदद करे , वह ज्यादा जरूरी है !
ReplyDeleteआज सारी समस्याओं के मूल में पारदर्शिता का अभाव,निगरानी व्यवस्था का नाश और इन्सान के जमीर का खत्म हो जाना मुख्य है
ReplyDeleteऔर शायद अधिकांश समस्याओं की जड़ भी यहीं है.
सार्थक बातें उठायी आपने
जब तक जनता जागरुक नही होती, देश मै ऎसा कुछ नही हो सकता, हमे अपने आधिकारो ओर कर्तव्यो का बोध होना चाहिये, हमे अपने वोट की कीमत पता होनी चाहिये, एक नेता, एक मत्री की ओकात पता होनी चाहिये, एक सरकारी अफ़सर... यह सब जनता के नोकर है मालिक नही, जब तक हमे यह पता नही होगा तब तक कुछ नही हो सकता, .....
ReplyDelete@राज भाटिया साहब आपने जो काम अपने कमेन्ट में बताएं हैं उसी काम को करेगा ये संगठन लोगों को जागरूक और निडर बनाकर ,आखिर किसी न किसी को तो ईमानदारी से आगे आना ही होगा / आपका भी तन,मन से सहयोग की आशा है जिससे हमसब को ताकत मिल सके /
ReplyDeletejnaab aapke spne sch hon yhi kudaa se duaa he hm bhi aapke is kaam me binaa shrt saath rhngen. akhtar khan akela kota rajasthan meraa hindi blog akhtarkhanakela.bogspot.com
ReplyDeleteब्लौगर संगठन क्या करेगा और क्या नहीं?
ReplyDeleteक्या यह संगठन लोगों को सदस्यता देगा? संगठन बनेगा तो सदस्य भी बनेंगे.
ऐसे में यदि कोई ब्लौगर उस संगठन से नहीं जुड़ना चाहेगा तो क्या उसका बायकाट किया जा सकता है?
एक संगठन बनेगा तो विरोधी संगठन बनने में देर नहीं लगेगी. क्या इसे भी राजनीति का मैदान बनायेंगे?
संगठन होगा तो पदाधिकारी भी होंगे. उनके चयन के लिए चुनाव भी होंगे.
चुनाव होगा तो फिर गुटबाजी, कलह और भितरघात भी होगी.
कुल मिलकर इससे बहुत कुछ लाभ होना नहीं है.
सरकार को तो संगठन का रौब डालकर दबाया नहीं जा सकता.
जब सरकार अपनी करनी पर आती है तो उसके आगे किसी की नहीं चलती.
बेहतर होगा कि इन सब फालतू की बातों की ओर से अपना ध्यान हटाकर अपना समय अच्छा पढने और अच्छा लिखने में लगायें.
मानता हूँ कि एकता में बड़ी शक्ति होती है, लेकिन आप यहाँ पर अपनी नेटवर्किंग करने आये हों या अपने समय और रचनात्मकता का बेहतर सदुपयोग करने?
आप सब समझदार ब्लौगर हैं, ज़रा कायदे से सोचें. हमें किसी संगठन की ज़रुरत नहीं है.
चिन्तन का विषय चुना है आपने
ReplyDelete@हिंदी ब्लॉग जगत ,सबसे पहले आप हमारे पोस्ट को ध्यान से पढ़िए फिर टिपण्णी कीजिये तो सार्थक रहेगा / हर इन्सान के अन्दर भगवान और शैतान होता है ,बस जरूरत होती है जनहित में भगवान(अच्छाई के शक्ति को जगाकर उसका सदुपयोग करने की) उसी तरह हर संगठन में अच्छे बुरे लोग होते है ,लेकिन संगठन अगर सच्चे उद्देश्यों को पारदर्शिता के साथ बिना किसी भेद भाव के सिर्फ और सिर्फ इंसानियत के उत्थान के लिए काम करने में लगाती है तो संगठन में जो बुडे लोग होते हैं ,वो भी अच्छाई के राह पर चलने लगते हैं / रही बात राजनीती और पदाधिकारी की तो आपको शोध आधारित बातें बता रहा हूँ की ये दोनों चीजें गलत नहीं है ,ये तब गलत रूप धारण कर लेता है जब इनपर निहित स्वार्थ चढ़ जाता है और इन पर निगरानी करने की व्यवस्था खत्म हो जाती है / आपका सुझाव और तर्कसंगत आलोचना दोनों का स्वागत है / आप हमें इ.मेल करें या फोन करें और अपना सुझाव रखें ,सार्थक बहस की जरूरत है लेकिन नेक काम में आपके सहयोग की भी जरूरत है /
ReplyDeleteNice.. and great...
ReplyDeleteआपने हिन्दी ब्लाग जगत वाले को बढि़या जवाब दिया। इसी को मैं चिरकुटपना कहता हूं। आपका क्या ख्याल है।
ReplyDeleteकाम कोई और कर रहा है... पेट में दर्द किसी और के हो रहा है।
इंशा अल्लाह आपकी कोशिशें परवान चढ़े यही दुआ है.
ReplyDeleteझा जी...आपने बिलकुल सही बात की कि संगठन बहुत ज़रुरी है ....
ReplyDeleteएक चीज़ आपने भी नॉट की होगी कि ..आज इन ज़लज़ला महाशय के मुखारविंद से...अभी इंशा अल्लाह टपकने लगा ...कल को हर-हर गंगे ...परसों को सत श्री अकाल उसके बाद...आल माईटी गाड ...और फिर ना जाने क्या-क्या?
सही है बेट्टे...लगे रहो...कन्फ्यूज़न पैदा कर आपस में लड़ाने में तो तुम शैतानों के भी बाप हो
"अगर चाह बनेगी दिल में
ReplyDeleteतो राह भी मिल जायेगी!"
.... डम-डम ...डम-डम ...!!!
हमरा पूरा और असली परिचय आपको हमरा एगो पोस्ट ( लिंक नीचे) के टिप्पणी में दिए गए हमरे उत्तर में मिल जाएगा. छिपने का कोनो खास कारन नहीं था. लेकिन जो मक़्सद था ऊहो कम लोग समझ पाया. जाने दीजिए दूध के जरल मट्ठो फूँक के पीता है. ऊ लोग का दोस नहीं है. आपका हमरापहिला कबिता पर टिप्पणि के लिए धन्यवाद !!
ReplyDeletehttp://chalaabihari.blogspot.com/2010/05/n-i-c-e.html
बिलकुल सही लिखा है जय कुमार जी, आज देश को ज़रूरत है
ReplyDeleteएक संगठन बनेगा तो विरोधी संगठन बनने में देर नहीं लगेगी.
ReplyDeletesahmat ...snghthan jaruri
ReplyDeleteसंघम् शक्ति कलियुगे........ शुभकामनाएं..
ReplyDeleteआपकी ही बातों को शायद अपनी पोस्ट "पूछ रहा है मन अपने आप से कुछ सवाल" मे लिखने का प्रयास किया है। अच्छी बात लिखी है आपने।
ReplyDeleteगुप्ता साहब संगठन अगर पारदर्शी,हर प्रश्नों का ईमानदारी और शालीनता से जवाब देने वाला हो ,जनहित व इंसानियत के हित को सर्वोपरी रखता हो ,सत्य और न्याय को हर हाल में प्राथमिकता देता हो तभी उसका आधार मजबूत होगा और लोग भावनात्मक रूप से जुरेंगे जिससे इस देश और समाज में कुछ सार्थक बदलाव होगा | हमारा इसी ओर प्रयास है कभी इस नंबर-09810752301 पर फोन कीजिये फिर विस्तार से चर्चा करूंगा |
ReplyDeleteइस आन्दोलन में हम सब आपके साथ हैं....नेतृत्व कीजिये.....!
ReplyDelete@singhsdm , नहीं एक व्यक्ति नेतृत्व नहीं करेगा ,हर व्यक्ति को अपने-अपने क्षेत्र में एक उद्देश्य लूटेरों से देश को बचाने के लिए नेतृत्व करना होगा ,हाँ उस राह में आने वाले बाधा से सुरक्षा के लिए हम सब एक हैं और उसका पूरा बंदोबस्त है |
ReplyDeleteदेश में आप जैसे निष्ठावान व्यक्तियों ने मेरी बड़ी सहायता की है -
ReplyDeletehttp://indiainperil.blogspot.com/2010/06/politician-goonda-nexus.html
बंसल साहब
ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
आप जैसे लोगों से यह देश और समाज जिन्दा है ,ये हमारा सौभाग्य है की हमें एक इन्सान की मदद करने का मौका मिला | हमारा उद्देश्य ही यही है और हमलोग इसी के लिए देश को एकजुट भी कर रहें हैं |