Wednesday, June 15, 2011

भारत सरकार या खूंखार आतंकवादी..?


निश्चय ही 4-5 जून की रात एक बजे दिल्ली के रामलीला मैदान में जो हुआ वैसी बर्बरता किसी खूंखार आतंकवादियों ने भी कभी नहीं किया था....जलियाँवाला बाग तो इस घटना के सामने कुछ भी नहीं क्योकि सोये हुए व्यक्ति,महिलाओं,बच्चों व संतों को डंडे व आसूं गैस के गोले से मारना समूची इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है और इसे अंजाम दिया दिल्ली पुलिस तथा भारत सरकार ने....

मैंने जब सुबह सुबह टीवी खोला तो देखकर दंग रह गया और फेसबुक पर इसके खिलाफ अभियान में जुट गया...उसके बाद तो विरोध के स्वर प्रखर होते गए और अब तो सर्वोच्च न्यायलय ने भी संज्ञान ले लिया है ,उम्मीद है दोषियों को सख्त से सख्त सजा जरूर होगी....प्रस्तुत है फेसबुक के कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट की झलक... 
इंसानियत पर हैवानियत का हमला...

मैं बाबा रामदेव का समर्थक नहीं हूँ लेकिन 12 बजे रात में जो दिल्ली पुलिस और मनमोहन सिंह,सोनिया गाँधी,शरद पवार,प्रणव मुखर्जी,कपिल सिब्बल,सुबोधकांत सहाय,पवन बंसल जैसे लोगों ने करवाया वो इंसानियत को शर्मसार करने वाला है ...ऐसा काम कोई खूंखार आतंकवादी नेटवर्क भी नहीं कर सकता ..मेरी देशवाशियों से अपील है की इस... घटना का जबरदस्त विरोध करें क्योकि ये इंसानियत पर हैवानियत का हमला है....हर इमानदार SPG ,पुलिस,अर्धसैनिक बल,खुपिया ,सेना,जज ,पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील है की इस सरकार और इसमें बैठे सभी मंत्रियों को जेल व क्रूरता भरी फांसी के लिए प्रयास करें क्योकि ये सब एक नंबर के गद्दार व इंसानियत के दुश्मन हैं...
सबसे ऊपर इंसानियत है पद,प्रतिष्ठा,पैसा,अमीरी,गरीबी सब बाद की चीज है...कल रात 4 जून 2011 को 1 बजे दिल्ली के रामलीला मैदान में जो हुआ उसे सिर्फ बाबा रामदेव की रैली के सन्दर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए ..बल्कि इसके बाद इस देश की जनता का आदेश है इस देश के सभी इमानदार व देशभक्त SPG ,ब्लैककेट कमांडों,पुलिस,अर्धसैनिक बलों,खुपिया अधिकारीयों व... सेना के तीनों प्रमुखों को की आज इस देश के सभी मंत्री प्रधानमंत्री के पद पर बैठे लोग शर्मनाक भ्रष्टाचारी,देश व समाज के दुश्मन तथा इंसानियत के प्रति जघन्य अपराध करने वाले अपराधी हैं इसलिए आज ऐसे गद्दारों व हैवानों को गोली मार दिया जाना चाहिए ....ऐसा पुन्य तथा देश व समाज भक्ति का काम करने वाले अधिकारी को इस देश का राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए...

अंग्रेजों के लम्बे दमनकारी व लूट के शासन काल में भी रात के 12 बजे बत्ती बुझाकर दो दिन से भूखे लोगों,महिलाओं,बच्चों,साधुओं को बुरी तरह पीटने की घटना नहीं मिलती जैसा की दिल्ली के रामलीला मैदान में 4 जून 2011की रात 12 बजे मनमोहन सिंह,सोनिया गाँधी,प्रणव मुखर्जी,शरद पवार,पी.चिदम्बरम,सुबोधकांत सहाय,पवन बंसल,कपिल सिब्बल जैसे गद्दारों,शर्मनाक... भ्रष्टाचारियों व महापपियों द्वारा किया गया ..क्या इस देश के सेना,आम जनता,पत्रकार,सामाजिक कार्यकर्त्ता,खुपिया एजेंसियों ,SPG व ब्लैककेट कमांडों में एक भी देश भक्त भगत सिंह व खुदीराम बोस नहीं जो इस देश व समाज को इन गद्दारों,हैवानों,महापपियों से मुक्ति दिला सके....?
भ्रष्ट काँग्रेस सरकार अपनी औकात पर आई
कमीनेपन की सारी हदें पार करते हुए रात साढ़े बारह बजे सोते हुए बाबा राम देव और उनके साथ शान्ति पूर्ण ढंग से सत्याग्रह कर रहे आम जन पर लाठी चार्ज और आँसू गैस के गोले छोड़ते हुए आंदोलन को कुचल दिया गया है... बाबा रामदेव और बालकृष्ण का कोई पता नहीं कि पुलिस उन्हें कहाँ ले गयी है..
सरकार ने जितनी मर्दानगी रामलीला मैदान पर दिखाई है , क्या उतनी ही मर्दानगी अफ़ज़ल और कसाब जैसे को फ़ांसी पर चढाने के लिए दिखा सकती है , नहीं .................तो बांकी की सारी दलीलें एक आम आदमी के लिए बकवास है ..सच सिर्फ़ ये है कि सरकार ने कायरतापूर्ण व्यवहार किया है
न्यायपालिका ने सरकार से कहा है कि बेट्टा जरा हमें भी वो कानून बताओ तो जिसका पालन तुमने आधी रात को करवया है .....सरकार को अब जवाब देना है , सुना है कि सरकार ने दो मंत्रियों के मुंह पर टेप साट के कोर्ट ले जाने का फ़ैसला किया ..उन्हें पता है ये मरवाएंगे एक दिन सरकार को
 
सब कुछ ठीक चल रहा था. अचानक ही सरकार को क्या खतरा पैदा हो गया कि रात में सोते हुए लोगों पर हमला बोल दिया? न महिलाओं का और न ही बच्चों का कोई सम्मान, बर्बरता, अश्रु गैस, लाठियां. आज गाँधी होते तो शर्म से मर जाते.
 


4 comments:

  1. शर्म आती है ऐसे लोकतंत्र पर। अब तो बेहयायी से बोल रहे हैं कि हम सरकार हैं, हम सांसद हैं और केवल हमारे पास अधिकार है। जनता कौन होती है?

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  2. ये तो वाकई बड़ी गंभीर बात है. ऐसे तो अपराधियों को भी नहीं मारा जाता.

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  3. मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है आप भी जाने क्यों मैंने यह व्रत किया है.

    दिल्ली पुलिस का कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें. मैं नहीं मानता कि-तुम मेरे मृतक शरीर को छूने के भी लायक हो.आप भी उपरोक्त पत्र पढ़कर जाने की क्यों नहीं हैं पुलिस के अधिकारी मेरे मृतक शरीर को छूने के लायक?

    मैं आपसे पत्र के माध्यम से वादा करता हूँ की अगर न्याय प्रक्रिया मेरा साथ देती है तब कम से कम 551लाख रूपये का राजस्व का सरकार को फायदा करवा सकता हूँ. मुझे किसी प्रकार का कोई ईनाम भी नहीं चाहिए.ऐसा ही एक पत्र दिल्ली के उच्च न्यायालय में लिखकर भेजा है. ज्यादा पढ़ने के लिए किल्क करके पढ़ें. मैं खाली हाथ आया और खाली हाथ लौट जाऊँगा.

    मैंने अपनी पत्नी व उसके परिजनों के साथ ही दिल्ली पुलिस और न्याय व्यवस्था के अत्याचारों के विरोध में 20 मई 2011 से अन्न का त्याग किया हुआ है और 20 जून 2011 से केवल जल पीकर 28 जुलाई तक जैन धर्म की तपस्या करूँगा.जिसके कारण मोबाईल और लैंडलाइन फोन भी बंद रहेंगे. 23 जून से मौन व्रत भी शुरू होगा. आप दुआ करें कि-मेरी तपस्या पूरी हो

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  4. ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    ♥~*~दीपावली की मंगलकामनाएं !~*~♥
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान
    लक्ष्मी बरसाएं कृपा, मिले स्नेह सम्मान

    **♥**♥**♥**● राजेन्द्र स्वर्णकार● **♥**♥**♥**
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ


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