Thursday, October 14, 2010

वर्धा संगोष्ठी और कुछ अभूतपूर्व अनुभव व मुलाकातें ....

मैं 7 अक्तूबर को 2626 डाउन केरला एक्सप्रेस से नयी दिल्ली से वर्धा के लिए रवाना हुआ था | इस ट्रेन के सेवाग्राम पहुँचने का नीयत समय 8 अक्तूबर को सुबह 05:03 मिनट था  | लेकिन मुझे सुबह 04:56 मिनट पर मेहमानों को विश्विद्यालय तक लाने क़ी जिम्मेवारी सँभालने वाले छात्र श्री धनेश जोशी के फोन ने यह आभास दिलाया क़ी मेरी ट्रेन लेट है | इसके बाद श्री सिद्धार्थ   शंकर त्रिपाठी जी का 05:14 मिनट पर फोन आया और मुझसे पूछा गया क़ी आप कहाँ पहुँच गयें हैं | इन दो फोन कालों से मुझे यह आभास हो गया क़ी मेहमानों क़ी अगवानी हार्दिक रूप से क़ी जा रही थी | खैर मैं लगभग एक घंटा लेट सुबह 06:15 बजे सेवाग्राम पहुंचा जहाँ मेरा इंतजार एक समर्पित छात्र श्री धनेश जोशी कर रहें थें और उन्होंने मुझे सम्माननीय तरीके से विश्वविध्यालय के प्रांगन के कमरा नंबर 24 में पहुँचाया | वर्धा आना मेरे लिए कुछ अभूतपूर्व यादों और मुलाकातों भरा रहा जिसका उल्लेख मैं जरूर करना चाहूँगा ...इनमे सबसे पहले मैं सेवाग्राम आश्रम तथा विनोबा निवास क़ी यात्रा का वर्णन करना चाहूँगा ...
10 अक्टूबर को आयोजकों ने हमलोगों के लिए सेवा ग्राम आश्रम भ्रमण 
की व्यवस्था की थी इसलिए हमलोग सुबह सात बजे सेवाग्राम के लिए 
रवाना हो गये वहां पहुँचने पर बस से उतरने के बाद सेवाश्रम के मुख्य
द्वार के पास लिया गया समूह फोटो ...
1-सेवाग्राम आश्रम - यह आश्रम पूरी तरह मिट्टी से जुड़ा हुआ लगा जहाँ आज देश को कंक्रीट के जंगल में तब्दील करने की भयानक साजिश रची जा रही है लोभी और स्वार्थी राजनीतिज्ञों तथा उद्योग पतियों द्वारा वही इस आश्रम में मिट्टी से जुरे सामग्री के प्रयोग से ही इस आश्रम की देखभाल और निर्माण कार्य किया जाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है | सबसे चौकाने वाली जानकारी ये है क़ी इस आश्रम को किसी सरकारी सहायता  से नहीं बल्कि स्वाबलंबन के सिद्धांत के आधार पर  100 एकड़ ज़मीन में खेती से पैदा हुये उत्पाद के बिक्री , गौशाला में दुग्ध उत्पादन तथा खादी ग्रामोद्योग के उत्पाद के बिक्री के आय से संचालित तथा पोषित किया जा रहा है | इस आश्रम के संचालक श्री एम.एम.गडकरी जी से बातचीत से पता चला क़ी यह आश्रम पूरी तरह स्वाबलंबन ,सादगी तथा सेवा जो गांधी जी के सिद्धान्त है के आधार पर चलाया जा रहा है और सरकारी संचालन व्यवस्था के अवगुणों से पूरी तरह अछूता है |

2-महान परोपकारी और त्यागी आत्मा विनोबा भावे निवास आश्रम -
महान त्यागमूर्ति विनोबा भावे आश्रम में रह रही आजीवन ब्रह्मचर्य का 
पालन करने वाली कुरता और घाघरा पहने बहन शांति कृपलानी जी 
जिनकी उम्र 72 साल है और वो इस विनोबा निवास में 53 वर्षों से रह
रही है साथ में सारी में खरी है बहन निर्मला जी जिनकी उम्र 62 वर्ष है 
और वो 42 वर्षों से इस आश्रम में रह रही है ... इनसे बात कर महसूस 
हुआ क़ी वास्तव में यह त्याग और ब्रह्मचर्य का देश में पहला निवास 
स्थल है ....
विनोवा निवास जहाँ बिना व्यवस्थापक के उत्तम व्यवस्था का संचालन 
होता है साफ-सफाई क़ी इतनी उत्तम व्यवस्था है क़ी पूरे देश क़ी सरकार 
को इस विनोबा निवास के व्यवस्था से प्रेरणा लेनी चाहिए ...
महान त्याग मूर्ति विनोबा निवास से होकर बहती पवनार नदी के पानी 
क़ी बहती धारा जो मानो इस महान त्याग के मूर्ति विनोबा जी का ह़र 
वक्त चरण पखारती हुयी लोगों को त्याग और परोपकार के मार्ग को 
अपनाने को प्रेरित कर रही हो ...

इस विनोबा निवास में मेरी मुलाकात श्री गौतम बजाज से हुयी जो मशहूर उद्योगपति श्री राहुल बजाज के परिवार के ही सदस्य हैं | जब मैंने उनसे पूछा क़ी क्या आप यहाँ के संचालक हैं ..? इस पर उनका जवाब था क़ी यहाँ कोई संचालक या व्यवस्थापक नहीं है | यहाँ क़ी सारी व्यवस्था सर्वसम्मति तथा सभी के विचारों और सुझाओं के आधार पर लिए गए फैसलों से चलायी जाती है | इस पर मैंने उनसे सवाल किया क़ी क्या कभी विवाद उत्पन्न नहीं होता ..? तो उनका जवाब था क़ी निःस्वार्थ तथा त्याग पर आधारित सोच वाले लोगों के बीच विवाद क़ी संभावनायें कम होती है | इतने में श्री गौतम बजाज कुछ ब्लोगरों द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र में जूते-चप्पल  ले जाने क़ी वजह से उनकी ओर चल दिये और जूते-चप्पल  को खुद अपने हाथ से उठाकर नीयत जगह रखकर ब्लोगरों को निर्देश दे गए क़ी वहाँ जूते-चप्पल ना ले जायें ...उनकी यह सादगी और शालीनता देख मेरा मन कृतज्ञता से भर गया और बिनोबा जी के साथ-साथ उनके अनुयायियों के लिए भी मन में अंकित सम्मान और प्रबल हो गया ... | इस देश क़ी सरकार खासकर मनमोहन सिंह जी,राहुल गांधी तथा सोनिया गांधी जी को इस निवास में जाकर कुछ दिन रहना चाहिए और व्यवस्था को जनतांत्रिक तरीके से कैसे चलाया जाता है इसकी पाठ जरूर पढनी चाहिए ....
महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविध्यालय के कुलपति 
श्री बिभूति नारायण रॉय ने ब्लोगरों को खुद अपने हाथ से 
प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया ...ब्लोगिंग के इतिहास 
में यह सदा याद किया जायेगा ...
3- तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही क़ी ब्लोगरों को पहली बार ब्लोगिंग पर व्याख्यान या आलेख प्रस्तुत करने पर किसी केन्द्रीय विश्वविध्यालय के कुलपति के हाथ से प्रमाण-पत्र भी दिया गया | ब्लोगिंग के इतिहास में यह घटना सम्मान के साथ सदा याद किया जाता रहेगा |  

Tuesday, October 12, 2010

वर्धा ब्लोगर संगोष्ठी के पर्दे के पीछे के असल हीरो ...

महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय विश्वविध्यालय वर्धा द्वारा आयोजित ब्लोगर कार्यशाला और संगोष्ठी कई मामलों में अभूतपूर्व अनुभवों से भरा रहा....जिसकी चर्चा मैं अगले पोस्ट में  करूंगा... 



आज मैं सबसे पहले इस संगोष्ठी के आयोजन को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले ऐसे लोगों का हार्दिक धन्यवाद करना चाहूँगा जिनका परदे के पीछे के महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाना चाहिए | ऐसे ही कुछ नाम इस प्रकार हैं...



1-डॉ.अनिल के.रॉय (प्रोफ़ेसर और अध्यक्ष जनसंचार विभाग ,महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा) इनका व्यक्तिगत व इनके विभाग का महत्वपूर्ण और सराहनीय योगदान रहा इस आयोजन को सफल बनाने में | इन्होने तथा श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी ने मेरे आग्रह पर 11 अक्तूबर को दोपहर एक से दो बजे के बीच  नए ब्लोगर बने छात्रों तथा जनसंचार के छात्रों का एक विशेष कक्षा क़ी भी व्यवस्था करवाया जिसमे मैं इन छात्रों को ब्लोगिंग को सामाजिक सरोकार से जोड़कर सामाजिक जाँच करने तथा उसमे पाये गए सच्चे तथा जन-उपयोगी  तथ्यों को ब्लॉग के जरिये देश विदेश तक पहुँचाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर सका |



2-श्री धनेश जोशी तथा श्री विवेक विश्वास - इन दोनों ने ब्लोगरों को विभिन्न स्थलों जैसे रेलवे स्टेशन,बस अड्डा इत्यादि जगहों से सम्मान पूर्वक वर्धा विश्वविद्यालय तक लाने क़ी जिम्मेवारी पूरे अपनापन और दिन रात क़ी परवाह किये वगैर बखूबी निभाया | हम इन दोनों छात्रों के समर्पित सेवा भाव के लिए इनका हार्दिक धन्यवाद करते हैं...इनका सेवा भाव अनुकरणीय है ...


3-श्री अमित विश्वास तथा श्री बी.एस मिरगे - इन दोनों सज्जनों ने इस आयोजन का मीडिया संचालन इतनी बखूबी किया क़ी इस आयोजन क़ी चर्चा देश के कई बड़े अखवारों क़ी सुर्खियाँ बनी जिससे हिंदी ब्लोगिंग के प्रचार और प्रसार में सराहनीय प्रगति हुयी .. 


4-श्री संदीप वर्मा - इनके उल्लेखनीय योगदान से पूरे आयोजन क़ी सटीक फोटोग्राफी हो पाई संभवतः इसकी CD सभी अतिथियों को भी विश्वविद्यालय भेजेगा ...


5-श्री गिरीश पांडे ,सुश्री अंजलि रॉय,श्री समसाद,श्री गुंजन तथा सुश्री हेमा गोडबोले- इन लोगों ने श्री रवि रतलामी जी के लाइव प्रसारण की व्यवस्था के सफलता पूर्वक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ...हम इनके हार्दिक आभारी हैं...


6-श्री राजीव पाठक- इन्होने मेहमानों के अतिथि गृह की समूची व्यवस्था को उम्दा बनाने की व्यवस्था का संचालन करने के साथ-साथ मेहमानों को सम्मानपूर्वक गंतव्य तक वापिस जाने के साधन तक पहुँचाने की भी समुचित व्यवस्था का संचालन किया ...इनका व्यवहार सराहनीय   रहा और हम इनके आभारी हैं ...


7-श्री संजय तिवारी,श्री विवेक त्रिपाठी,श्री उमाकांत शुक्ला,श्री आलोक श्रीवास्तव तथा श्री संदीप - इन सबने ब्लोगरों को उनके आने-जाने के किराये तथा अन्य मानदेयों के भुगतान क़ी पूरी व्यवस्था का इतनी बखूबी से संचालन किया क़ी ब्लोगरों को उनके अतिथि गृह के अपने कमरे में ही सभी भुगतान किये गए तथा जरूरी हस्ताक्षर क़ी प्रक्रिया को भी सम्माननीय तथा पारदर्शिता के साथ किया गया | इन लोगों क़ी कार्यप्रणाली बेहद शालीनता तथा ईमानदारी भरी रही ...

इसके अलावे कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने हमेशा अतिथियों का ख्याल रखा और उनको एक अपनापन देने का प्रयास किया जैसे महान कवि श्री आलोक धन्वा जी ,श्री कृष्ण कुमार सिंह जी ,श्री राज किशोर जी ,इत्यादि हम उन सभी का भी हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त करतें हैं जिनका नाम मैं नहीं जानने क़ी वजह से यहाँ नहीं लिख पा रहा हूँ लेकिन उनका योगदान और अपनापन महत्वपूर्ण  था इस आयोजन के सफल संचालन में ...हम उन छात्रों का भी हार्दिक धन्यवाद करते हैं जिन्होंने ब्लोगिंग को जनसंचार का माध्यम बनाकर सामाजिक सरोकार के आवाज को बुलंद करने के लिए ब्लोगिंग में अपना पहला कदम बढाया....




अगर किसी नाम को लिखने में कोई कमी रह गयी हो तो तो क्षमा चाहूँगा ...


Sunday, October 10, 2010

ब्लोगिंग का उपयोग सामाजिक सरोकार तथा मानवीय मूल्यों को सार्थकता क़ी ओर ले जाने केलिए किये जाने क़ी संभावनाएं बढ़ गयी है ........

विश्वविध्यालय के कुलपति महोदय (श्री रॉय) ब्लोगर संगोष्ठी को संबोधित करते हुये तथा संपरीक्षा अधिकारी श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी उनके बगल में खरे हुये  ...
संगोष्ठी कक्ष में पहुंचते अतिथि ब्लोगर और ब्लोगिंग सीखने क़ी चाह रखने वाले छात्र...

महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविध्यालय वर्धा  के प्रयास तथा इस विश्वविध्यालय के कुलपति श्री विभूति नारायण रॉय तथा संपरीक्षा अधिकारी श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी के ब्लोगिंग के प्रति सकारात्मक सम्मान तथा गहरी अभिरूचि से आयोजित इस राष्ट्रिय ब्लोगर संगोष्ठी  के बाद ब्लोगिंग क़ी सामाजिक सरोकार से जुड़ने तथा मानवीय मूल्यों के उत्थान के लिए प्रयोग करने क़ी संभावनाएं प्रबल हो गयी है |



ये विश्व का पहला हिंदी विश्वविध्यालय है जो ब्लोगिंग के उत्थान के लिए दूसरी बार राष्ट्रिय स्तर के ब्लोगर संगोष्टी का आयोजन करने के साथ-साथ नए ब्लोगरों को देश और समाज के समक्ष उत्पन्न गंभीर चुनौतियों को हल करने में ब्लोगिंग का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने का भी काम कर रहा है | निश्चय ही हिंदी ब्लोगिंग के उत्थान तथा प्रचार प्रसार क़ी दिशा में यह एक शुभ संकेत है | ऐसे आयोजन देश के ह़र क्षेत्र के विश्वविध्यालयों को करना चाहिए जिससे ब्लोगिंग जनतंत्र क़ी आवाज के रूप में स्थापित हो सके |

आज दो दिन के संगोष्ठी का पहला दिन था जिसमे ब्लोगिंग के आचार संहिता पर कुलपति महोदय समेत कई ब्लोगर तथा अन्य विद्वानों ने अपनी राय रखी | जिसके आधार पर मैं यह कह सकता हूँ क़ी आचार संहिता सिर्फ आत्म नियंत्रण तथा ब्लोगर द्वारा स्वयं के कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने से ही लागू हो सकता है | वैसे ब्लोगिंग का जनहित तथा जनकल्याण के दिशा में प्रयोग करने से भी ब्लोगिंग को एक नयी दिशा मिल सकती है जिससे हो सकता है क़ी आचार संहिता का स्वतः ही निर्माण होने लगे ...? कुल मिलाकर इस संगोष्ठी का पहला दिन सार्थक बहस के साथ ख़त्म हुआ | मेरी हार्दिक इक्षा है क़ी अगले साल यह विश्वविध्यालय ज्यादा से ज्यादा ब्लोगरों को अपनी संगोष्ठी में आमंत्रित करे जिससे इसका प्रभाव व विस्तार और भी व्यापक हो सके ...



Wednesday, October 6, 2010

अच्छे,सच्चे,इमानदार और देशभक्त लोग एकजुट हो जायें या इस देश में जुल्म सहने को तैयार रहें....आपकी रक्षा करनेवाला इस देश में कोई नहीं सिवाय आपकी एकजुटता के....

आज लोकतंत्र को सिर्फ देश भर के सच्चे,अच्छे,इमानदार और देशभक्त लोगों के एकजुटता के ताकत से तैयार किये गए परस्पर सुरक्षा व सहायता तंत्र के निर्माण से ही बचाया जा सकता है |

आज इस देश और समाज क़ी हालत ऐसी हो चुकी है क़ी कानून और व्यवस्था नैतिक पतन हो चुके लोगों के हाथो में एक वेश्या क़ी तरह है | जब चाहे भ्रष्ट लोग कानून और व्यवस्था का बलात्कार कर चलते बनते हैं और किसी को भी सजा नहीं होती है | सजा अगर किसी को होती है तो वो है एक इमानदार समाज सेवक जो कानून क़ी इज्जत और सम्मान के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देता है ,एक इमानदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जो अपनी जान क़ी परवाह किये वगैर कानून और व्यवस्था क़ी रक्षा करने का प्रयास करता है | ऐसे कई वाकये प्रतिदिन इस देश में होते हैं जब सत्य और ईमानदारी को खुले आम जूते तले रौंदा जाता है और इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण व सम्माननीय पदों पर बैठा व्यक्ति भी सत्य और ईमानदारी क़ी रक्षा में व्यक्तिगत रूचि नहीं दिखा पा रहा है | मेरी समझ में नहीं आता क़ी इन पदों क़ी गरिमा को ये लोग अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही दिखाकर अपमानित क्यों कर रहें हैं ..? कोई भी बुद्धिजीवी यही कहेगा क़ी इन पदों पर बैठे व्यक्ति क़ी पहली प्राथमिकता सत्य,न्याय और ईमानदारी क़ी रक्षा करना होना चाहिए ...लेकिन ऐसा होता इन दोनों पदों पर बैठे व्यक्तियों क़ी ओर से दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है और ना ही देश यह महसूस कर रहा है क़ी इन पदों पर बैठे व्यक्ति आज सत्य,न्याय और ईमानदारी क़ी ह़र हाल में रक्षा के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहें हैं ...

इस तरह क़ी स्थिति के लिए दोषी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का पद नहीं बल्कि इन पदों पर बैठा व्यक्ति है ....? आज इन पदों पर बैठे व्यक्ति अपने अधिकारों का सदुपयोग देशहित और समाज क़ी भलाई के लिए कम बल्कि अपने निहित स्वार्थों और अपने चहेतों के स्वार्थों क़ी पूर्ति के लिए दुरूपयोग के रूप में ज्यादा कर रहें हैं | यही वजह है क़ी देश में 90प्रतिशत सांसद चाहे वो राज्यसभा के हों या लोकसभा के भ्रष्ट,चोर,बेईमान,चरित्रहीन तथा देश के गद्दार हैं | अगर इन सब क़ी ब्रेनमेपिंग तथा लाईडिटेक्टर  टेस्ट कराया जाय तो ये 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हो सकता है | 


इन भ्रष्ट मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों क़ी वजह से देश में ज्यादातर उद्योगपति भी भ्रष्ट,चरित्रहीन,चोर,बेईमान तथा गद्दार होते जा रहें हैं | इन जनप्रतिनिधियों के द्वारा इनको नकली समान बनाने,श्रम कानून को तोड़ने,टेक्स क़ी चोरी करने इत्यादि के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ संरक्षित  भी किया जा रहा है और बदले में उनसे अडबों रूपये क़ी रिश्वत पार्टी या व्यक्तिगत रूप में लिया जा रहा है | पूरी क़ी पूरी व्यवस्था चोरी,भ्रष्टाचार,ठगी,अनैतिक आचरण पर आधारित होती जा रही है | सरकारी खजाने का उपयोग जनहित के वजाय इन भ्रष्ट मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के व्यक्तिगत हितों पे खर्च किया जा रहा है ,नीतियाँ ऐसी बनायीं जा रही है क़ी आम लोग भूखे मरें और भ्रष्ट तथा सत्ता के दलाल जो पूरे देश में 10 प्रतिशत हैं मालामाल हों ,देश और समाज क़ी हालत खस्ताहाल होती जा रही है लेकिन देश विकाश कर रहा है ...?
ह़र व्यक्ति चोरी और ठगी कर अपना जीवन बचाने को मजबूर है लेकिन देश का विकाश हो रहा है ....?
देश में नैतिक चरित्र नाम क़ी कोई चीज बची ही नहीं है लेकिन देश विकाश कर रहा है....?
शासन और प्रशासन में अनुशासन हीनता का बोलबाला है लेकिन देश विकाश कर रहा है ...?
सरकार सामाजिक सरोकार और जनहित को भूलकर व्यवसायी और दलाल बन चुकी है लेकिन देश विकाश कर रहा है ....? 



इन सब बातों के खिलाप कोई आवाज उठाता है तो चाहे वह समाज सेवक हो या पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी ,उसे ह़र तरह से परेशान और प्रतारित किया जाता है और पूरी क़ी पूरी व्यवस्था अंधी ,बहरी और गूंगी होकर देखती रह जाती है | अभी हाल क़ी घटना एक समाज सेवी ब्लोगर श्री राम बंसल के साथ घटी है जिसके सत्य और ईमानदारी भरे सामाजिक कार्यों के बदले उसे धार्मिक उन्माद फ़ैलाने वाला घोषित कर दिया गया है ,पढ़ें इस ब्लॉग पर -http://khandoi.blogspot.com/  
श्री राम बंसल जो पूरी ईमानदारी से देश और समाज क़ी सेवा में लगे है तथा अपने गांव में असामाजिक तत्वों के खिलाप अभियान चलाये हुयें है | लेकिन पुलिस ऐसे सच्चे और इमानदार लोगों को ही परेशान कर रही है | पूरे देश के लोगों को राम बंसल जी जैसे लोगों क़ी सुरक्षा और सहायता में आगे आना चाहिए तथा देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को ऐसे मामलों को व्यक्तिगत रूप से देखना चाहिए तथा दोषी पुलिस वालों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए ...
अब सवाल उठता है क़ी राम बंसल जैसे लोग क्यों चले सत्य और ईमानदारी के राह पर ...?
इनकी रक्षा कौन करेगा ,इस देश का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ...?
इनके ऊपर झूठा और बेबुनियाद आरोप पत्र तैयार करने वाले पुलिस वालों के खिलाप सख्त कार्यवाही कर उनको नौकरी से निकालकर उनकी पेंशन और सभी सुविधाओं को कौन रोकेगा ...?
ऐसा हो सकता है अगर पूरे देश के अच्छे,सच्चे,इमानदार और देशभक्त लोग एकजुट होकर एक दूसरे के सुरक्षा व सहायता में अपने आप को लगा दें | अगर हमलोग अब भी एकजुट नहीं होतें हैं तो वो दिन दूर नहीं जब इस देश से सच्चाई,अच्छाई,ईमानदारी और देशभक्ति का नाम मिट जायेगा....तथा सच्चे,अच्छे,इमानदार व देशभक्त लोगों पर ह़र तरफ अंग्रेजों से भी ज्यादा जुल्म ढाया जायेगा...?