महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय विश्वविध्यालय वर्धा द्वारा आयोजित ब्लोगर कार्यशाला और संगोष्ठी कई मामलों में अभूतपूर्व अनुभवों से भरा रहा....जिसकी चर्चा मैं अगले पोस्ट में करूंगा...
आज मैं सबसे पहले इस संगोष्ठी के आयोजन को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले ऐसे लोगों का हार्दिक धन्यवाद करना चाहूँगा जिनका परदे के पीछे के महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाना चाहिए | ऐसे ही कुछ नाम इस प्रकार हैं...
1-डॉ.अनिल के.रॉय (प्रोफ़ेसर और अध्यक्ष जनसंचार विभाग ,महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा) इनका व्यक्तिगत व इनके विभाग का महत्वपूर्ण और सराहनीय योगदान रहा इस आयोजन को सफल बनाने में | इन्होने तथा श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी ने मेरे आग्रह पर 11 अक्तूबर को दोपहर एक से दो बजे के बीच नए ब्लोगर बने छात्रों तथा जनसंचार के छात्रों का एक विशेष कक्षा क़ी भी व्यवस्था करवाया जिसमे मैं इन छात्रों को ब्लोगिंग को सामाजिक सरोकार से जोड़कर सामाजिक जाँच करने तथा उसमे पाये गए सच्चे तथा जन-उपयोगी तथ्यों को ब्लॉग के जरिये देश विदेश तक पहुँचाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर सका |
2-श्री धनेश जोशी तथा श्री विवेक विश्वास - इन दोनों ने ब्लोगरों को विभिन्न स्थलों जैसे रेलवे स्टेशन,बस अड्डा इत्यादि जगहों से सम्मान पूर्वक वर्धा विश्वविद्यालय तक लाने क़ी जिम्मेवारी पूरे अपनापन और दिन रात क़ी परवाह किये वगैर बखूबी निभाया | हम इन दोनों छात्रों के समर्पित सेवा भाव के लिए इनका हार्दिक धन्यवाद करते हैं...इनका सेवा भाव अनुकरणीय है ...
3-श्री अमित विश्वास तथा श्री बी.एस मिरगे - इन दोनों सज्जनों ने इस आयोजन का मीडिया संचालन इतनी बखूबी किया क़ी इस आयोजन क़ी चर्चा देश के कई बड़े अखवारों क़ी सुर्खियाँ बनी जिससे हिंदी ब्लोगिंग के प्रचार और प्रसार में सराहनीय प्रगति हुयी ..
4-श्री संदीप वर्मा - इनके उल्लेखनीय योगदान से पूरे आयोजन क़ी सटीक फोटोग्राफी हो पाई संभवतः इसकी CD सभी अतिथियों को भी विश्वविद्यालय भेजेगा ...
5-श्री गिरीश पांडे ,सुश्री अंजलि रॉय,श्री समसाद,श्री गुंजन तथा सुश्री हेमा गोडबोले- इन लोगों ने श्री रवि रतलामी जी के लाइव प्रसारण की व्यवस्था के सफलता पूर्वक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ...हम इनके हार्दिक आभारी हैं...
6-श्री राजीव पाठक- इन्होने मेहमानों के अतिथि गृह की समूची व्यवस्था को उम्दा बनाने की व्यवस्था का संचालन करने के साथ-साथ मेहमानों को सम्मानपूर्वक गंतव्य तक वापिस जाने के साधन तक पहुँचाने की भी समुचित व्यवस्था का संचालन किया ...इनका व्यवहार सराहनीय रहा और हम इनके आभारी हैं ...
7-श्री संजय तिवारी,श्री विवेक त्रिपाठी,श्री उमाकांत शुक्ला,श्री आलोक श्रीवास्तव तथा श्री संदीप - इन सबने ब्लोगरों को उनके आने-जाने के किराये तथा अन्य मानदेयों के भुगतान क़ी पूरी व्यवस्था का इतनी बखूबी से संचालन किया क़ी ब्लोगरों को उनके अतिथि गृह के अपने कमरे में ही सभी भुगतान किये गए तथा जरूरी हस्ताक्षर क़ी प्रक्रिया को भी सम्माननीय तथा पारदर्शिता के साथ किया गया | इन लोगों क़ी कार्यप्रणाली बेहद शालीनता तथा ईमानदारी भरी रही ...
इसके अलावे कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने हमेशा अतिथियों का ख्याल रखा और उनको एक अपनापन देने का प्रयास किया जैसे महान कवि श्री आलोक धन्वा जी ,श्री कृष्ण कुमार सिंह जी ,श्री राज किशोर जी ,इत्यादि हम उन सभी का भी हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त करतें हैं जिनका नाम मैं नहीं जानने क़ी वजह से यहाँ नहीं लिख पा रहा हूँ लेकिन उनका योगदान और अपनापन महत्वपूर्ण था इस आयोजन के सफल संचालन में ...हम उन छात्रों का भी हार्दिक धन्यवाद करते हैं जिन्होंने ब्लोगिंग को जनसंचार का माध्यम बनाकर सामाजिक सरोकार के आवाज को बुलंद करने के लिए ब्लोगिंग में अपना पहला कदम बढाया....
अगर किसी नाम को लिखने में कोई कमी रह गयी हो तो तो क्षमा चाहूँगा ...
इसके अलावे कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने हमेशा अतिथियों का ख्याल रखा और उनको एक अपनापन देने का प्रयास किया जैसे महान कवि श्री आलोक धन्वा जी ,श्री कृष्ण कुमार सिंह जी ,श्री राज किशोर जी ,इत्यादि हम उन सभी का भी हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त करतें हैं जिनका नाम मैं नहीं जानने क़ी वजह से यहाँ नहीं लिख पा रहा हूँ लेकिन उनका योगदान और अपनापन महत्वपूर्ण था इस आयोजन के सफल संचालन में ...हम उन छात्रों का भी हार्दिक धन्यवाद करते हैं जिन्होंने ब्लोगिंग को जनसंचार का माध्यम बनाकर सामाजिक सरोकार के आवाज को बुलंद करने के लिए ब्लोगिंग में अपना पहला कदम बढाया....
अगर किसी नाम को लिखने में कोई कमी रह गयी हो तो तो क्षमा चाहूँगा ...
धन्यवाद ज्ञापन जैसा लगा, लगा कि कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है. अगले पोस्ट की प्रतीक्षा है.
ReplyDeleteBardha main sampan gosthi ke bare batakr aapne sarhaniye kariye kiya hai .
ReplyDeletemain aapki agli post ka intjaar kar raha hoon jismain aap vistrit jaankari is sangosthi ke bare main denge aosi umeed hai,
Sir ho sake to aap mujhe apna mail ID send kar dena taki main main aapse vyapak rup se vichar vimarsh kar sakun
Dhanyabaad
इन सबका हार्दिक धन्यवाद और आपको भी साधुवाद इतनी विस्तृत पहुँच के लिए :)
ReplyDeleteमैं भी आपसे सहमत हूँ .
ReplyDeleteसफल आयोजन के पीछे कुछ समर्पित लोग होते है. ऐसे लोग साधुवाद के पात्र होते हैं.
ReplyDeleteइन लोगों की कड़ी मेहनत और सहयोग से ही आयोजन सफल हुआ और अपने उद्देश्यों को पूरा कर सका। इन्हें मान देकर आपने स्तुत्य कार्य किया है। हार्दिक धन्यवाद।
ReplyDeleteसभी बधाई के पात्र है.
ReplyDeleteइसे कहते हैं खोजी दृष्टि।
ReplyDeleteबहुत अच्छी और सार्थक रिपोर्ट रही आपकी, बधाईयाँ !
ReplyDeleteसभी को साधुवाद!
ReplyDeleteसभी बधाई के पात्र है.
ReplyDeleteकड़ी मेहनत और सहयोग से ही आयोजन सफल हुआ
ReplyDeleteब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
सभी बधाई के पात्र हैं ,झा जी मैं अब तक हमारे सुरेश चिपलूनकर जी की वर्धा मिलन की कोई फोटो नहीं देख पाया हूँ,हो सके तो दिखाने का प्रयत्न करें
ReplyDeleteसभी बधाई के पात्र है
ReplyDeleteसभी को धन्यवाद व साधुवाद.
ReplyDeleteआप ने यह अच्छा किया. बधाई.
यहाँ भी देखें -
http://hindibharat.blogspot.com/2010/10/blog-post_13.html
आदरणीय झा जी,
ReplyDeleteकई लोगों ने रिपोर्ट लिखी है वर्धा सम्मेलन पर... किंतु शायद मेरे संज्ञान में यह पहली पोस्ट है जहाँ, उन पार्श्व में कार्यरत सेनानियों को सम्मान दिया गया है! इसके लिए आप बधाई के पात्र !
सभी को साधू वाद.
ReplyDeleteइन सबका हार्दिक धन्यवाद और आपको भी साधुवाद
ReplyDeleteमहात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा के ब्लॉग हिन्दी-विश्व पर २ पोस्ट आई हैं.-हिंदी प्रदेश की संस्थाएं: निर्माण और ध्वंस और गांधी ने पत्रकारिता को बनाया परिवर्तन का हथियार .इन दोनों में इतनी ग़लतियाँ हैं कि लगता है यह किसी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय का ब्लॉग ना हो कर किसी प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे का ब्लॉग हो ! हिंदी प्रदेश की संस्थाएं: निर्माण और ध्वंस पोस्ट में - विश्वविद्यालय,उद्बोधन,संस्थओं,रहीं,(इलाहबाद),(इलाहबाद) ,प्रश्न , टिपण्णी जैसी अशुद्धियाँ हैं ! गांधी ने पत्रकारिता को बनाया परिवर्तन का हथियार- गिरिराज किशोर पोस्ट में विश्वविद्यालय, उद्बोधन,पत्नी,कस्तूरबाजी,शारला एक्ट,विश्व,विश्वविद्यालय,साहित्यहकार जैसे अशुद्ध शब्द भरे हैं ! अंधों के द्वारा छीनाल संस्कृति के तहत चलाए जा रहे किसी ब्लॉग में इससे ज़्यादा शुद्धि की उम्मीद भी नहीं की जा सकती ! सुअर की खाल से रेशम का पर्स नहीं बनाया जा सकता ! इस ब्लॉग की फ्रॉड मॉडरेटर प्रीति सागर से इससे ज़्यादा की उम्मीद भी नहीं की जा सकती !
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