दरअसल दिल्ली में अपराध क़ी प्रमुख वजह ज्यादातर भ्रष्ट विधायकों और सांसदों के वो प्रतिनिधि हैं जिनकी रोजी रोटी ही अपराधियों पर आधारित है | इस दिशा में गंभीरता से सोचने क़ी जरूरत है लेकिन ना तो गृहमंत्रालय और ना ही पुलिस का अपराध अनुसन्धान इस दिशा में किसी ठोस एक्सन प्लान बनाने पर विचार कर रहा है |
दरअसल ऐसे तथाकथित विधायक और सांसद प्रतिनिधि समाज में उस कोढ़ क़ी तरह हैं जिनकी वजह से पूरा समाज अपराधियों के खुलेआम अपराध से कराह रहा है | इनके लिए कानून क़ी कोई अहमियत नहीं है ,सरकारी योजनाओं जैसे सड़क,भवन,स्वास्थ्य सुरक्षा योजना इत्यादि सभी जनकल्याणकरी योजनाओं में लूट और घपला कराने के मध्य में यही होते हैं | इनकी सरकारी कार्यालयों में इतनी पहुँच होती है क़ी ह़र गलत और फर्जी काम को मिनटों में करवाना इनका बायें हाथ का काम है | अगर कोई इमानदार अधिकारी इनके फर्जी कामों में टांग अराता है तो ये उसकी या तो तबादला करा देते हैं या उनको धमकाते हैं ,पुलिस के SHO स्तर के अधिकारी इनके इशारों पे नाचते हैं इनके सामने इमानदार किस्म के SHO भी अपने आपको लाचार और मजबूर पाते हैं | पुलिस के भ्रष्ट उच्च अधिकारी भी इनके प्रभाव में होते हैं पैसे और ऐय्यासी के साधन मुहैया कराने की वजह से लेकिन इमानदार IPS से ये थोडा बहुत खौप खाते हैं |
इनका प्रमुख अपराध निम्न प्रकार का है ....
अपराधियों को अपराध करने के लिए प्रेरित करना जिससे समाज में भय और आतंक का वातावरण के साथ-साथ आपसी मेलजोल में संदेह पैदा हो तथा अपराधियों को हर-हाल में सुरक्षा देना .....
दूसरे राज्यों से आये अपराधियों को अपने प्रभाव से सुरक्षित रहने और खाने की व्यवस्था करना तथा अपराध को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए हर तरह की सहायता मुहैया करना ....
अवैध निर्माण को हर तरह से संरक्षण देना ,DDA तथा अन्य सरकारी मकानों तथा जमीनों का अवैध रूप से आवंटन करना ..
किसी के जमीन और मकान पर अवैध कब्ज़ा करना और करवाना ...
अकेले और बुजुर्ग लोगों की हत्या कराकर उसके संपत्ति को हरपना या उन्हें डरा-धमकाकर कम कीमत पर अपना मकान बेचने के लिए मजबूर करना ....
विधायक और सांसद योजनाओं में फर्जी लोगों को ठेका दिलाकर उसमे मोटी कमाई करना फर्जी नामों से ऋण वगैरह की निकासी का काम करना ....
लोभी-लालची व आपराधिक आचरण वाले तथा नकली खाद्य पदार्थों का उत्पादन तथा व्यवसाय करने वालों के खिलाप हर कार्यवाही को अप्रभावी बनाने का काम करना और ऐसे गैर कानूनी धंधों को प्रोत्साहन देकर उसमे अपना हिस्सा खाना तथा पूंजी निवेश भी करना...
अपने इलाकों में चोरी,लूट,हत्या,हमला जैसे घटना की पूरी प्लानिंग करना तथा उसे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सफलता पूर्वक अंजाम देना तथा उसका F .I .R नहीं होने देना ....
स्थानीय प्रशासन को भी अपने विधायक और सांसद प्रतिनिधि का वास्ता देकर हर गलत कार्य जैसे झूठे पहचान पत्र,रासन कार्ड इत्यादि बनवाने का काम करना और अपराधियों के सुरक्षा का बंदोबस्त करना तथा आपराधिक आचरण वाले लोगों को निचले स्तर के स्थानीय चुनाव में जिताने का प्रबंध करना |
इनमें कुछ तो ऐसे भी हैं जो भ्रष्ट जनप्रतिनिधि के पैसों और उनको चुनाव में फायदा पहुँचाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़तें हैं | इन लोगों का कमाई का कोई जरिया नहीं होने के बाबजूद इनके पास कई महँगी गाड़िया ,बंगला इत्यादि की भरमार है ,इनके बच्चे महंगे निजी स्कूलों में पढ़ रहें हैं |
ऐसे लोगों के गतिविधियों को रोकने के लिए समर्पित और बेहद इमानदार पुलिस तथा इंटेलिजेंस अधिकारियों के टीम की जरूरत है जिससे इनके खिलाप ठोस सबूतों को इकठ्ठा कर इनको सजा दिलाया जा सके | गृह मंत्रालय के अपराध अनुसन्धान को इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा ,अन्यथा दिल्ली में अपराध और अपराधियों में कमी नहीं हो सकती है | ये सिर्फ अपराधी नहीं बल्कि देश और समाज के सबसे खतरनाक दुश्मन हैं | इनके हर गतिविधियों पे नजर रखने की जरूरत है क्योंकि अब इनके पास अपराध व राजनीती की ताकत के साथ-साथ असीमित दौलत भी है |
आपसे सहमत।
ReplyDeleteयह हाल केवल दिल्ली का नहीं बल्कि सभी प्रादेशिक राजधानियों का और अन्य शहरों का है |
ReplyDeleteआपसे सहमत है जी, इन्हे जनता ही सबक सिखा सकती है ओर कोई नही, ओर जनता....
ReplyDeleteऔर जनता...........वो सोने में ही विश्वास ऱखती है। पर कुछ तो करते ही रहना होगा।
ReplyDelete... सार्थक व प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!
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