Sunday, February 21, 2010

देश और समाज का सुरक्षा-चक्र



किसी व्यक्ति की गारंटी क्या होती है? जवाब होगा-उस व्यक्ति का खुद का जमीर और उसकी अंतरात्मा। इसलिए,मेरा मानना है कि एक साधारण व्यक्ति भी प्रधानमत्री से ज्यादा अच्छी जनकल्याणकारी नीति बना सकता है- अगर उसका जमीर और अंतरात्मा जिंदा है। एक प्रधानमंत्री का जमीर और उसकी अंतरात्मा अगर मर गई हो तो वह किसी भी देश को नर्क बना सकता है। इसलिए,हर सरकारी घोटालों और ख़र्चों की सामाजिक जांच आज बहुत जरूरी हो गयी है-ख़ासकर तब जब ग़लत नीतियों और भ्रष्ट मंत्रियों के निहित स्वार्थ की वजह से ज्यादातर लोग अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए गलत रास्ते पर जाने-अनजाने चलने को मजबूर हैं या किए जाते हैं। इसके साथ ही,सच बोलने वाले लोग, सत्यमेव जयते की रक्षा करने वाले लोग,तर्कसंगत न्याय-तर्कसंगत व्यवहार को बढाने वाले लोग,भ्रष्टाचार को अपनी जान की परवाह किए बगैर पूरी तरह ख़त्म करने के लिए आंदोलनरत लोग और सूचना के अधिकार के लिए कार्य कर रहे लोग-ये लोग ऐसे सुरक्षा-चक्र हैं,जिनकी रक्षा हर देश और समाज को किसी भी कीमत पर करनी चाहिए। ऐसे लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए अगर देश के रक्षा बजट के बराबर भी धन ख़र्च करना पड़े तो करना चाहिए। देश भर मे,ऐसे लोगों द्वारा उठाए गए मामलों पर और इनके नेक काम मे इनके उपर हमला तक कर के व्यवधान पहुंचाने वालों के ख़िलाफ़ त्वरित फैसले के लिए कम से कम 200 प्रबुद्ध पत्रकारों,अन्ना हजारे,अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे समाजसेवकों और ईमानदार जजों का संयुक्त पैनल होना ही चाहिए । जो देश ऐसे लोगों की सुरक्षा नही करता उस देश का भविष्य निश्चय ही अंधकारमय है। भारत जैसे लोकतंत्र मे अगर एक सच्चे व्यक्ति के साथ अन्याय होता है तो वह देशद्रोह से कम नही है क्योंकि हमारे देश के राष्ट्रीय चिह्र मे "सत्यमेव जयते" लिखा है। आज हर जगह,पूरे देश मे,सच बोलने वालों को परेशान किया जाना पूरे देश और लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बात है। एचपीआरडी इंडिया डॉट ओआरजी एक आंदोलन है-पूरे देश को एकजुट होकर आज के स्वतंत्रता-सेनानी और हमारे देश-समाज के रखवाले(सच बोलने वाले) को सुरक्षा और सहायता पहुंचाने का । असल मे,आतंकवादी तो वे लोग हैं जो सच्चे-अच्छे-ईमानदार-न्यायसंगत-तर्कसंगत और अहिंसक व्यवहार वाले लोगों को परेशान करने का अक्षम्य अपराध करते हैं। हमारे देश की सरकार अगर इस ओर सोचना प्रारंभ कर दे तो कानून-व्यवस्था आज से ही सुधरने लगेगी जिससे हर इंसान के साथ-साथ देश और समाज का संतुलित विकास होगा।
अगर आप पूरे देश के किसी भी हिस्से मे सच बोलने और ईमानदारी को अपनाने की वजह से परेशान किए जा रहे हैं या ऐसे सत्यवक्ताओं और ईमानदार लोगों की सुरक्षा और सहायता का काम कर रहे हैं तो निश्चय ही देश और समाज आप का एहसान कभी नही भूलेगा। आप जैसे लोगों की हमें पूरे देश, हर गली,हर शहर और हर मोहल्ले मे तलाश है जिन्हें एकजुट कर एक मज़बूत कड़ी बनाकर देश और समाज मे तर्कसंगत बदलाव लाकर देश और समाज की सच्ची सुरक्षा की जा सके।
पोर्न वेबसाइट के ख़िलाफ एकजुट हों और जनमत तैयार करने में हाथ बटाएं जिससे हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के उच्च विचारों को समर्थन दिया जा सके और समाज मे नेट के जरिए फैल रही गंदगी को पूरी तरह ख़त्म किया जा सके।
सम्पर्क करें-09810752301

4 comments:

  1. जो सरकार बनती है वह संविधान के अनुसार बनती है. इसलिए ग़लत लोगों के हातों में सत्ता जाने का अर्थ है - संविधान का दोष. यह संविधान बिना सोच-समझे दूसरों की नकल करके बनाया गया. इस संविधान के अंतर्गत देश में कोई सुधार संभव नहीं है. परिवर्तन के लिए आवश्यक है नया संविधान -
    http://bhaarat-bhavishya-chintan.blogspot.com
    http://intellocracy.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. Anek shubhkamnayen...log chahen to sanvidhanme badlaav la sakte hain...qaanoon me badlaav la sakte hain..PIL ke zariye..

    ReplyDelete
  3. कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
    धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
    कलम के पुजारी अगर सो गये तो
    ये धन के पुजारी
    वतन बेंच देगें।
    हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ , साथ हीं जनोक्ति द्वारा संचालित एग्रीगेटर " ब्लॉग समाचार " से भी अपने ब्लॉग को अवश्य जोड़ें .

    ReplyDelete
  4. samaaz ko ganda karne aur yuvaaon ko gumraah karne me porn sites ki bhumika hi jyada hai.....

    ReplyDelete