आज देश और समाज सरकार के निकम्मेपन द्वारा प्रायोजित तथा संरक्षित भ्रष्टाचार के वजह से भ्रष्टाचार और सामाजिक अनैतिकता जैसे गम्भीर रोग से बुडी तरह पीड़ित है |
जिसके निदान के लिए हमारी इमानदार स्वास्थ्य शोधकर्ताओं के समूह से तथा बेहद इंसानी सोच वाले चिकित्सा क्षेत्र के छात्र और छात्राओं से आग्रह है क़ी वो एक ऐसे टीके का अविष्कार करने के लिए समर्पित होकर काम करें जिस टीके को लगाने के बाद शरद पवार जैसा भ्रष्ट मंत्री भी इमानदार हो जाय और देश व समाज हित में काम करने लग जाय | अगर किसी व्यक्ति या किसी दैविक शक्ति के प्रेरणा से भी ऐसे टीके क़ी खोज कर ली जाती है तो इससे इंसान के सभी बिमारियों का इलाज हो जायेगा | ऐसे टीके का अविष्कार करना बहुत ही जरूरी हो गया है | एक बात और है इस टीके क़ी खोज अगर होगी तो सिर्फ भारत में ही और भारतीय लोगों के ही द्वारा लेकिन इस दिशा में प्रयास ही नहीं किया गया |
अगर ऐसा होता है तो निश्चय ही इस टीके को मंत्रिपद क़ी शपथ लेते वक्त मंत्रियों को और अधिकारियों को पदभार ग्रहण करने वक्त लगाकर ना सिर्फ इस देश और समाज को बल्कि पूरी इंसानियत को बचाया जा सकता है ,फ़िलहाल जबतक इस टीके का अविष्कार और खोज होता है तब तक एक दूसरे प्रकार के व्यवहारिक टीके का प्रयोग अगर इस देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चाहें तो करके इस देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला सकते हैं ...
रोग -
1 - 99% मंत्री द्वारा देश और समाज के साथ गद्दारी जिसके वजह से उनके पास आवारा पूँजी के आ जाने से उनमे तथा उनके बच्चों में चरित्रहीनता,आपराधिक प्रविर्ती,भ्रष्टाचारियों और अपराधियों को बेशर्मी क़ी हद तक संरक्षण ,कार्य में गुणवत्ता का घोर अभाव तथा अंग्रेजों से भी बदतर तानाशाही दिमाग का पनप जाना आम है ..
बैकल्पिक निदान - ह़र मंत्री को ह़र तीन महीने पर एक ऐसे टीके लगायें जायें जिससे उनमे इंसानियत जिन्दा रहे जिसके शोध के लिए हमने ऊपर अपील क़ी है | लेकिन तब तक बैकल्पिक इलाज के लिए ह़र मंत्री को उसके विभाग से सम्बंधित सबसे निचले स्तर पर ह़र वर्ष कम से कम तीन महीने सख्ती से कार्य कराया जाय |
जैसे शरद पवार को बाढ़ या सूखाग्रस्त क्षेत्रों में साल के तीन महीने रहकर खेतों में कृषि कार्य करना अनिवार्य कर दिया जाय | ऐसा नहीं करने पर मंत्री पद से हटा दिया जाय | संचार मंत्री को देश में ह़र गांवों और शहरों क़ी बस और ट्रेन से यात्रा कर संचार क्षेत्र में आ रही लोगों क़ी दिक्कतों और मोबाईल ऑपरेटरों द्वारा ठगे जाने क़ी शिकायत ह़र घर जाकर लिखने और उसके समाधान के सुझावों क़ी विडियो रिकोर्डिंग कर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पँहुचाने के काम में लगाया जाय |
देश भर के लोगों के विचारों और सुझावों के आधार पर संविधान संशोधन कर इस टीकाकरन को लागू किया जाय और मंत्री पद क़ी शपथ के वक्त इस आशय के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भी कराया जाय | इन तीन महीने के टीकाकरण के दौरान इनको सिर्फ सुरक्षा मुहैया कराया जाय बाकि कोई भी मंत्री पद वाली सुविधा इन्हें नहीं मुहैया कराया जाय | क्योंकि जिस व्यक्ति को मुफ्त का सुख हमेशा उपलब्ध होता है उसकी इंसानी सोच मरकर संवेदनहीन होने क़ी 99% संभावना है | आज ज्यादातर मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों में भ्रष्टाचार तथा निगरानी व्यवस्था के अभाव में यह लक्षण आम है |
ये हरामखोर , वैक्सीन मैन्युफैक्चरर/डीलर को लाइसेंस देंगे ?
ReplyDeleteइन्हे कार्य के समय सुरक्षा उपलब्ध कराना दूसरे प्रार्थियों के साथ भेदभाव होगा
ReplyDeleteज्ञानवर्धक आलेख।
ReplyDeleteअजी सब मिल् कर रोजाना भगवान ओर अल्लाह से दुया करे कि जो जो भरष्ट नेता है उन्हे ओर उन के खान दान को कोई लाई लाज बिमारी लग जाये, ओर जिन के लिये यह धन इक्कट्टा कर रहे है वो इन के सामने मरे..... जेसे कोई गरीब बिन खाने के मरता है
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति!
ReplyDeleteहिन्दी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है।
jai kumaar ji tumhaari lekhni ki jay ho mujhe meri mn psnd bhrstaachar pr prstuti dekh mzaa aa gyaa bhut khub chnd alfazon men kh diya he is muhim men hm bhi aapka sath dena chahte hen . akhtar khan akela kota rajstha
ReplyDeleteक्या झा जी दिन में ख्वाब देख रहे हैं? इस देश की जनता के इतने अच्छे भाग हो ही नहीं सकते हैं? क्योंकि यहाँ लोग आते हैं, जागरूकता वाले लेख पढ़ते हैं, ताली बजाते हैं, वाह-वाह करते हैं और घर पर जा कर सो जाते हैं.
ReplyDeleteझा जी, क्रांति के लिए क्रांतिकारी चाहिए होते हैं.
Bahut sundar prastuti----.achchhaa lekh.
ReplyDeleteभ्रष्टाचार मिटाना तो बहुत बड़ी बात है उसे कम करना भी वर्तमान ढाँचे में संभव नहीं..व्यवस्था परिवर्तन जरूरी है. वर्तमान ढाँचे में इक्का दुक्का प्रयास कारगर नहीं हो पाते.
ReplyDeleteज्ञानवर्धक आलेख।
ReplyDeleteब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteक्रांति के लिए क्रांतिकारी चाहिए
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पर आकर मेरे को और मजबूती मिल गयी! हा अब बाते करने से आगे कि बरी है अब करने कि बारी है !
ReplyDeleteमुझे ग्राम पंचायत पर कार्य करना है और मेरे मन में जो छवि है ग्राम कि उसके लिए कोशिश करना है! आपसे अवश्य मार्ग दर्शन लुंगी !
very well written
ReplyDeletebut Indian population fears to do anything.
झा साहब आपके कार्य सराहनिए हैं में भी इसका हिस्सा बनना चाहता हूँ बताईए कैसे बनू..
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