Sunday, September 5, 2010

भारत सरकार यानि समस्याओं को जन्म देने वाली रद्दी क़ी पोटली...



आज इस देश क़ी लगभग 80% आवादी दुःख और तकलीफ में जी रही है और इस देश के राष्ट्रपति भवन के बिजली का खर्चा कड़ोरों में है | देश के ज्यादातर सांसद और मंत्री कानूनी रूप से करोडपति और गैरकानूनी रूप से तो अरबपति हैं वहीँ दूसरी ओर दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी  में ज्यादातर लोगों को एक शौचालय और पीने का साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है |



अब सवाल उठता है क़ी समस्याओं को सुलझाने क़ी जिम्मेवारी जिनके ऊपर है वो समस्याओं के बाबजूद करोडपति बनते जा रहे हैं और देश तथा समाज समस्याओं में घिरकर बद से बदतर होता जा रहा है ....आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ....? 



एक कहाबत है सोये को जगाया जा सकता है  जो जगा हो उसे कैसे जगाया जा सकता है ,समस्या हो तो सुलझाया जा सकता है लेकिन जब समस्या को सुलझाने वाले ही समस्या को पैदा करें अपने निहित स्वार्थ सिद्धि के लिए तो समस्या कैसे सुलझेगी | कुछ ऐसा ही हाल आज भारत सरकार का है और भारत सरकार समस्याओं को पैदा करने वाली रद्दी क़ी पोटली बन चुकी है ...देश के प्रखंड व जिले से लेकर प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति कार्यालय तक समस्याओं को पैदा कर उससे अपना स्वार्थ सिद्धि करने वालों का बर्चस्व है ...जरा गौर कीजिये निम्नलिखित तथ्यों पर ....



1 - कश्मीर समस्या क़ी जड़ कश्मीर और पाकिस्तान में नहीं बल्कि हमारे गृह,रक्षा,वाणिज्य तथा वित्त मंत्रालय के भ्रष्ट सलाहकारों और अधिकारियों के खुराफाती दिमाग में है | इस समस्या के सुलझते ही इन तीनो मंत्रालय के भ्रष्ट अधिकारियों से लेकर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं तथा मंत्रियों क़ी अडबों क़ी कमाई बंद हो जाएगी | मेरा दावा है क़ी इमानदार पत्रकारों,रिटायर्ड जजों और समाजसेवकों के द्वारा इन चारो मंत्रालय के पांच वर्षों के कश्मीर से सम्बंधित खर्चों का अगर सामाजिक जाँच जमीनी स्तर पर निगरानी करके किया जाय तो इन चारो मंत्रालय के मंत्रियों और अधिकारियों समेत कई और सफ़ेद पोश उद्योगपति भी कटघरे में खरे नजर आयेंगे और समस्या का समाधान भी शुरू होने लगेगा ...


2 -सरकार तरह-तरह के सुरक्षा बलों क़ी स्थापना कर रही है और इन सुरक्षा बलों क़ी स्थापना के बाद अपराधों में बेतहासा बढ़ोतरी होती जा रही है | देश के गृहमंत्रालय में बैठे मोटी तनख्वाह पा रहे लोग अपराध नियंत्रण के उपायों पर अनुसन्धान कर रहे हैं या अपराध को बढाकर लोगों में भय और दहसत का माहौल पैदा करने का ...? ये तो उन्ही को पता होगा | देश क़ी राजधानी में अगर आम लोगों का सर्वे ईमानदारी  से कराया जाय तो 85% लोग पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था से दुखी और परेशान होने क़ी राय जाहिर करेंगे ...नक्सल समस्या दरअसल समस्या ही नहीं है ये सिर्फ सुरक्षा के नाम पर अडबों क़ी लूट का साधन मात्र है और इन मंत्रालयों में बैठे गद्दार इसकी पटकथा तैयार करते हैं | देश में विष्फोटक नियंत्रक क़ी अलग से व्यवस्था और इतनी बड़ी-बड़ी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुये 164 ट्रक बारूद एक्सपायर  हो चुके लायसेंस के बल पर गायब कर दिए जाते हैं और देश क़ी पूरी क़ी पूरी खुपिया और अन्य व्यवस्था सोयी रहती है | दरअसल गृहमंत्रालय तथा वाणिज्य मंत्रालय में गद्दार और भ्रष्ट लोग बैठे हैं और गद्दारों क़ी सीधी पहुँच है इन मंत्रालयों में इसलिए इस देश में ऐसे अपराध को बरी आसानी से अंजाम दिया जाता है और आरोप पाकिस्तान के ISI पर बड़ी आसानी से थोप कर इस देश की जनता को बेबकूफ बना दिया जाता है तथा आस्तीन के सांप का बाल भी बांका नहीं होता है | ऐसे में समस्या का समाधान सिर्फ और सिर्फ सामाजिक जाँच से ही संभव है ,इमानदार अधिकारियों की कमी नहीं है हमारे देश में जरूरत सिर्फ उन्हें टास्क देकर स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से सामाजिक आधार पर जाँच करने देने की है | 


इस देश में समस्याओं का समाधान तब-तक नहीं हो सकता जब-तक इस देश के ज्यादातर मंत्रालयों और आयोगों में देश के गद्दारों,भ्रष्टाचारियों और निहायत ही घटिया चरित्र के लोगों का जमघट रहेगा ,इसलिए जरूरत है देश के बाहर के गद्दारों से लड़ने का ढोंग करने और देश की जनता को बेबकूफ बनाने की वजाय आस्तीन के सांपों के फन को कुचलने तथा इन मंत्रालयों में बैठे देश के गद्दारों को पकड़ने की | जब-तक ऐसा पूरी ईमानदारी और सामाजिक जाँच के आधार पर नहीं किया जाता तबतक इस देश में भारत सरकार समस्याओं को पैदा करने वाली रद्दी की पोटली बनी रहेगी और गद्दारों की पकड़ इस देश पे और भी मजबूत होती रहेगी ...आज इस देश में सुरक्षा बलों की स्थापना करने की नहीं बल्कि सरकार में अधिकारियों और मंत्रियों के रूप में बैठे भ्रष्ट और गद्दार लोगों को पहचान कर उनकी देश व विदेश की संपत्ति जप्त करने तथा उनको सजा देने के साथ-साथ  इस देश के सभी नागरिकों तक  रोटी,कपडा और मकान पहुँचाने की ...ऐसा होने के बाद ही यह देश और समाज अपने आप को सुरक्षित और भयमुक्त महसूस करेगा ...भ्रष्टाचार और अराजकता भी इन मंत्रालयों में बैठे गद्दारों के वजह से ही बढ़ रहा है और देश का असल विकाश की जगह नकली कागजी विकाश हो रहा है ..

2 comments:

  1. देश का असल विकाश की जगह नकली कागजी विकाश हो रहा है ..

    बिलकुल सही बात

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