Saturday, March 20, 2010

श्रीमती किरण बेदी को मुख्य सूचना आयुक्त नहीं बनाया गया तो देश में पहले से ही बदहाली में चल रहे सूचना का अधिकार कानून और कमजोर हो जाएगा -------------

मुख्य सूचना आयुक्त श्री वजाहत हबिबुल्लाह का कार्यकाल २४ अक्टूबर २०१० को आपना पाँच साल पूरा करता लेकिन वे ३० सितम्बर२०१०  को ही ६५ साल के हो जायेंगे / इसलिए देश को उससे पहले एक नए मुख्य सूचना आयुक्त की जरूरत पड़ेगी,जिसके लिए आमिर खान(मशहूर  फिल्म अभिनेता) ने श्रीमती बेदी का नाम प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह को पत्र के जरिये सुझाया था ,जिसे श्रीमती बेदी ने भी मीडिया में यह कहते हुए स्वीकारा भी था की -अगर सरकार मुझे मुख्य सूचना आयुक्त बनाती है तो मैं खुशी से यह पद स्वीकार करूंगी और आयुक्त को मिलने वाला मासिक वेतन भी नहीं लूंगी /भारत सरकार के लिए और देश की जनता के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी /लेकिन इस देश भारत और इसकी जनता की फ़िक्र किसको है /प्रधान मंत्री ऑफिस अभी तक पता नहीं किस धुन में लगा है जो इतने गंभीर मुद्दे पड़ देश को अपना फैसला बता पाने में असमर्थ दिख रहा है /जबकि सारा देश यह जानने को बेताब है की मनमोहन सिंह जी के पास श्रीमती बेदी से ज्यादा उपयुक्त और कौन सा आइ  ए एस या आइ पी एस है जो देश का मुख्य सूचना आयुक्त बनने के लायक है /प्रधान मंत्री को देश के जनता के प्रति जवाबदेहि के तहत ये जरूर बताना होगा और चाहिए भी कि श्रीमती बेदी जैसे बेहद इमानदार नाम पर मुख्य सूचना आयुक्त कि मुहर लगाने में इतनी देरी क्यों ? जबकि ऐसा करने से श्रीमती बेदी का कद बढ़ता या नही ? पड़ श्री मनमोहन सिंह और मुख्य सूचना आयुक्त के पद कि  गरिमा का कद जरूर बढ़ जाता / आप अपने विचारों के जरिये देश के इस गंभीर पद और मुद्दे पड़ अपनी ऍफ़ आई आर इस ब्लॉग पड़ दर्ज करने के साथ- साथ देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र द्वारा अपने  विचारों को बताने का कष्ट करें ---------------

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