प्रधानमंत्री का कुछ दिनों पहले ये बयान आया था कि देश में महंगाई तो बढ़ी है , लेकिन बेरोजगारी को बढने नहीं दिया गया है / लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि देश एक ऐसे दो राहे पर खड़ा है ,जिसके एक तरफ पेट भरने और अपनी शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए पढ़ी लिखी लड़कियां कलयुगी बाबाओं के साथ मिलकर देह व्यापार का सहारा ले रही है ,जिसका ज्यादातर प्रयोग सरकारी संस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार कि व्यवस्था से ह़र गलत काम और कागजों में प्रोजेक्ट को पूरा दिखाकर करोड़ों रूपये के गवन के लिए भी किया जा रहा है / वहीँ दूसरी ओर पढ़े लिखे नौजवान सीधे रास्ते पेट न भरता देख ठगी और धोखेवाजी का व्यापार करने वालों के चक्रव्यूह में फ़स कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं / ये स्थिति देश के लिए ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि देश के आन्तरिक और बाहरी दोनों सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद खरनाक है / ऐसी स्थिति को रोकने के लिए लड़कियों के पढ़ाई को स्नातक स्तर तक सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों और महाविद्यालयों में निःशुल्क करने के साथ-साथ ईमानदारी भरे इक्छा शक्ति के साथ ह़र गावं में उच्च विद्यालयों कि स्थापना और ह़र ब्लाक स्तर पर महाविद्यालयों कि स्थापना कर उसे ह़र माह समुचित सरकारी सहायता पहुँचाने का देश के प्रधानमंत्री कार्यालय से व्यवस्था कि जाय और उसकी निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय खुद करे और संचालन का भार उस क्षेत्र के जनता को दे जिस क्षेत्र में विद्यालय और महाविद्यालय हो / रही लड़कों की बात तो स्नातक तक की शिक्षा पुड़ी कर चुके छात्रों को अस्थाई तौर पड़ सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में विशेष भ्रष्टाचार निवारण शोधकर्ता का काम दे और उन्हें देश भर में चल रहे सरकारी कार्यों के निगरानी और उसमे हो रहे अनियमितताओं तथा घोटालों की जाँच कि प्रगति रिपोर्ट प्रधानमंत्री के वेबसाइट पे ह़र हप्ते डालने को कहा जाय और उसके आधार पर दोषियों के खिलाप कार्यवाही की विवेचना करने व व्यवस्था को सुधारने का सार्थक प्रयास किया जाय / तब जाकर देश और देश के लोगों को थोडा सकून मिलेगा और भ्रष्टाचार के लिए पैसे के साथ-साथ शराब और शबाब के खतरनाक प्रयोग पड़ रोक लग सकेगा /
Saturday, April 17, 2010
भ्रष्टाचार के लिए पैसे के साथ-साथ शराब और शबाब का प्रयोग बेहद खतरनाक है -?
प्रधानमंत्री का कुछ दिनों पहले ये बयान आया था कि देश में महंगाई तो बढ़ी है , लेकिन बेरोजगारी को बढने नहीं दिया गया है / लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि देश एक ऐसे दो राहे पर खड़ा है ,जिसके एक तरफ पेट भरने और अपनी शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए पढ़ी लिखी लड़कियां कलयुगी बाबाओं के साथ मिलकर देह व्यापार का सहारा ले रही है ,जिसका ज्यादातर प्रयोग सरकारी संस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार कि व्यवस्था से ह़र गलत काम और कागजों में प्रोजेक्ट को पूरा दिखाकर करोड़ों रूपये के गवन के लिए भी किया जा रहा है / वहीँ दूसरी ओर पढ़े लिखे नौजवान सीधे रास्ते पेट न भरता देख ठगी और धोखेवाजी का व्यापार करने वालों के चक्रव्यूह में फ़स कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं / ये स्थिति देश के लिए ना सिर्फ शर्मनाक है बल्कि देश के आन्तरिक और बाहरी दोनों सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद खरनाक है / ऐसी स्थिति को रोकने के लिए लड़कियों के पढ़ाई को स्नातक स्तर तक सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों और महाविद्यालयों में निःशुल्क करने के साथ-साथ ईमानदारी भरे इक्छा शक्ति के साथ ह़र गावं में उच्च विद्यालयों कि स्थापना और ह़र ब्लाक स्तर पर महाविद्यालयों कि स्थापना कर उसे ह़र माह समुचित सरकारी सहायता पहुँचाने का देश के प्रधानमंत्री कार्यालय से व्यवस्था कि जाय और उसकी निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय खुद करे और संचालन का भार उस क्षेत्र के जनता को दे जिस क्षेत्र में विद्यालय और महाविद्यालय हो / रही लड़कों की बात तो स्नातक तक की शिक्षा पुड़ी कर चुके छात्रों को अस्थाई तौर पड़ सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में विशेष भ्रष्टाचार निवारण शोधकर्ता का काम दे और उन्हें देश भर में चल रहे सरकारी कार्यों के निगरानी और उसमे हो रहे अनियमितताओं तथा घोटालों की जाँच कि प्रगति रिपोर्ट प्रधानमंत्री के वेबसाइट पे ह़र हप्ते डालने को कहा जाय और उसके आधार पर दोषियों के खिलाप कार्यवाही की विवेचना करने व व्यवस्था को सुधारने का सार्थक प्रयास किया जाय / तब जाकर देश और देश के लोगों को थोडा सकून मिलेगा और भ्रष्टाचार के लिए पैसे के साथ-साथ शराब और शबाब के खतरनाक प्रयोग पड़ रोक लग सकेगा /
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment