Wednesday, April 21, 2010

कविता में ब्लॉग और ब्लोगरों कि चर्चा -------

 मैंने अपने अनुभव और विवेचना के आधार पर,ब्लॉग एक न एक दिन सामानांतर मिडिया का सशक्त ब्रांड के रूप में जरूर उभरेगा इस सोच को कविता  के रूप में उतारा है / आपकी प्रतिक्रिया के अपेक्षा में / विषय है - 

*कविता में ब्लॉग और ब्लोगरों कि चर्चा*

ब्लॉग और ब्लोगर पूरी ताकत से बढ़ रहें हैं /
ब्लोगिंग सामानांतर मीडिया बन खिल रहा है /
बस आर्थिक आधार को खोज रहा है /
ब्लोगरों से प्रतिदिन कम से कम तीन घंटे और 
महीने में दस रुपैया, ब्लॉग के विकाश फंड के लिए,
सभी ब्लोगरों से एकजुट होकर देने कि आशा देख रहा है /
रवीश कुमार जी  ,पुण्य प्रसून बाजपेयी जी ,किशोर अजवानी जी से 
मीडिया के पतन का हल ढूँढने का एक कस्बा बनाने
को कह रहा है /
जिस कस्बे में रचना जी जैसी नारी कि कहानी और 
फिरदौस खान जी  कि फिरदौस डायरी से लिखी जाय ब्लॉग कि जवानी /
कडुवा सच -श्याम कोरी उदय जी के जुवान में और 
पराया देश -राज भाटिया जी के मानवता के अपील में /
जहाँ हो डॉ.टी.एस दराल का दरालनामा कि सार्थक चर्चा 
और नई कलम से लिखी जाती हो उभरते हस्ताक्षर /
जहाँ कुछ भी कभी भी से ब्लोगिंग कि हो रही मजबूती और बिहारी बाबु कहिन से अजय कुमार झा जी को 
मिलती हो ब्लोगरों कि सहानभूति /
जिस कसबे में काजल कुमार जी अपनी कार्टून से लाटरी निकाल कर ब्लोगरों को अलग सपना दिखा रहें हों /
जहाँ बिगुल से ललित कुमार जी ,चर्चा मंच से डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी ,मिसफिट से गिरीश विल्लोरे जी और छोटी गली से चन्दन कुमार जी अच्छी विचारों के साथ ब्लोगरों के वापसी कि खुश खबरी भी सुना रहे हैं /
इसी कस्बे से  रुचिगर सूचनाक मंच के जरिये        
कुमार राधा रमण कंठ जी मिथला और मैथली कि 
सच्ची सेवा कर रहें हैं /
इस कसबे कि देख रेख ब्लोग्वानी और चिट्ठाजगत बड़ी  मुस्तैदी से कर रहें हैं /
इस कस्बे में रहने वाले सभी लोगों को अदालत से लोकेश जी पूरी कानूनी सहायता पहुंचा रहें हैं /
इस कस्बे में समीर लाल जी कि उड़न तस्तरी बहुत 
तेज उड़ रही है तो सुमन जी कि nice टिप्पणियों  से टिप्पणियां छोटी होती जा रही है /
इसी कसबे में भडास ,सांसद जी .कॉम रहते हैं /
इस कसबे के बखान कि चर्चा पावला जी -प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा के जरिये कर,ब्लोगरों को हौसला पहुंचाते हैं /
और भी कई ब्लोगर लोग इस कसबे में रहते हैं ,जिनका योगदान भी कुछ कम नहीं ,बल्कि उनके प्रयत्न कि इस कसबे को सजाने में आशा ज्यादा है ,कम नहीं  /
आशा है ये कस्बा भारत के जमीर का कस्बा होगा
जहाँ से लोकतंत्र ब्लोगरों द्वारा नियंत्रित होगा /
असल में यह नए युग का सामानांतर मीडिया होगा /
     

7 comments:

  1. वाह वाह आप ने तो कविता का रुप दे दिया इस लेख को धन्यवाद

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  2. ब्लॉग और ब्लोगरों के विकास के लिए लिखे गए इस कविता का धन्यवाद तथा हार्दिक स्वागत /

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  3. bahut khoob.......blog par ghumte ghaamte bloggers se dheere-dheere hi sahi parichay ho hi jata hai....
    Ye bhi bahut achha prayas hai bloggers se prichachay karane ka...
    Haardik shubhkaamnayne

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  4. बहुत सुंदर


    bahut khub


    shekhar kumawat


    http://kavyawani.blogspot.com/

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  5. बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई, शुभकामनायें

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